बजट से पहले झारखण्ड में मंत्रिमंडल का विस्‍तार जरूरी, सोरेन सरकार को लेना होगा फैसला…

रांची। झारखंड में बजट सत्र को लेकर तैयारियां अधिकारियों के स्तर से तो चल रही है, लेकिन वित्त मंत्री के नहीं होने से संशय का वातावरण बना हुआ है। सरकार की प्राथमिकताएं भी बदलने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने से बहुत अधिक बदलाव तो नहीं होगा, लेकिन कुछ ना कुछ परिवर्तन अवश्य होंगे। फिलहाल राज्य सरकार को एक वित्त मंत्री का नाम तय कर आगे की तैयारी को तेजी से बढ़ना होगा।

पहले 16 फरवरी को पेश होना था बजट
हेमंत कैबिनेट में वित्त मंत्री रहे डा. रामेश्वर उरांव अभी कैबिनेट से बाहर हैं और हो सकता है कि उन्हें या अन्य किसी को यह जिम्मेदारी दी जाए। इसके अलावा और भी कई कार्य करने होंगे। बजट सत्र से पहले कैबिनेट का विस्तार भी होना तय है।

राज्य सरकार पूर्व में बजट पेश करने को लेकर 16 फरवरी की तिथि तय कर चुकी थी, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री के जेल जाने से पूरा समीकरण गड़बड़ा गया है। अब जाकर यह तय किया जा रहा है कि 23 फरवरी से बजट सत्र की शुरुआत की जाए।

संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि तैयारियों के अनुसार 23 से बजट सत्र की शुरुआत होगी और इसके बाद 24-25 फरवरी को अवकाश होगा। 26 से लेकर 28 के बीच बजट पेश किया जा सकता है।

बजट से पहले मंत्रिमंडल का विस्‍तार जरूरी
पूर्व में जहां 29 फरवरी को बजट सत्र के समापन की संभावना थी वहीं अब बजट सत्र मार्च महीने तक बढ़ गया है। सूत्रों के अनुसार बजट सत्र का मूल भाव वही रहेगा, जो पिछले दिनों हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को बैठक के दौरान निर्देश दिए थे। नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी कुछ परिवर्तन कर सकते हैं।

बजट सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार करना होगा। मंत्रियों के बदलने से भी विभागों की प्राथमिकताएं बदलने की संभावना है जिसे बजट में समाहित करना होगा। पूर्व में विभागों के स्तर से की गई तैयारियों में अब कई फेरबदल होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

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