कांग्रेस की हार की वजह वह खुद है, ईवीएम नहीं…

राघौगढ़। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि इस साल मई में कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस अपने ‘अहंकार’ के कारण मध्य प्रदेश में चुनाव हारी, न कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के कारण उसकी हार हुई है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीटें जीतकर मध्य प्रदेश में अपनी सत्ता बरकरार रखी और कांग्रेस सिर्फ 66 सीटों पर विजयी रही जबकि 2018 के चुनावों में उसने 114 सीटें हासिल की थी.

ईवीएम और उसकी विश्वसनीयता उठाये सवाल
राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह सहित कुछ कांग्रेस नेताओं ने ईवीएम और उसकी विश्वसनीयता का मुद्दा उठाया है. राघौगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा,’जो लोग हाल के विधानसभा चुनावों में अपनी करारी हार के लिए ईवीएम को दोषी ठहरा रहे हैं, वे मूल रूप से अपनी हताशा व्यक्त कर रहे हैं. कांग्रेस ईवीएम के कारण नहीं, बल्कि अपने अहंकार के कारण हारी है.’

जीत ने कांग्रेस को अहंकार से भर दिया
चौहान ने कहा, ‘जिस दिन कांग्रेस ने कर्नाटक में चुनाव जीता था, तभी भाजपा ने मध्य प्रदेश में जीत हासिल कर ली थी क्योंकि कर्नाटक में जीत ने कांग्रेस को अहंकार से भर दिया था.’ राघौगढ़ विधानसभा सीट पर दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने अपना कब्जा बरकरार रखा है, लेकिन 2018 के चुनाव की तुलना में इस बार उनकी जीत का अंतर कम हो गया है.

भाजपा सरकार हर कीमत पर करेगी विकास
साल 2024 के आम चुनावों में प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने के भाजपा के मिशन के तहत चौहान उन विधानसभा सीटों का दौरा कर रहे हैं, जहां पार्टी 17 नवंबर को हुआ विधानसभा चुनाव हार गई है. उन्होंने राघौगढ़ के पिछड़ेपन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भाजपा सरकार हर कीमत पर इसका विकास करेगी.

राघौगढ़ दौरे से पहले, चौहान ने मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा का दौरा किया था. चुनाव में छिंदवाड़ा की सभी सात विधानसभा सीटों पर भाजपा हार गई. विधानसभा चुनाव के नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए गए थे. चौहान ने कहा कि विशेषज्ञों ने कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर का पूर्वानुमान जताया था लेकिन ‘लाडली बहना’ ने भाजपा के रास्ते के सभी कांटे हटा दिए और सत्तारूढ़ दल को शानदार जीत दिलाई. उन्होंने दोहराया कि योजना के तहत दी जाने वाली सहायता को मौजूदा 1,250 रुपये से धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा.

Related Articles

Back to top button