बरेली। मैंने आपको एक लिंक भेजा है, उस पर क्लिक करिए और आपके खाते में इतनी रकम आ जाएगी। कुछ इसी तरह से आए दिन साइबर ठग कॉल और मेसेज करके लोगों के बैंक खातों से रकम उड़ा रहे हैं। एक तरीका फेल होने पर ठग दूसरा तरीका निकाल ले रहे हैं। घर बैठे ऑनलाइन कमाई का झांसा देकर भी ठगी की जा रही है। जिले में रोजाना दो से तीन लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
साइबर ठग इंस्टाग्राम, टेलीग्राम या अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से लोगों को कमाई का झांसा देते हैं और बाद में उनकी रकम खातों से निकाल लेते हैं। लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए साइबर ठग शुरुआत में लोगों के खाते में रकम भी डालते हैं। साइबर थाने और साइबर सेल में इस तरह के प्रत्येक महीने करीब 20 प्रतिशत मामले आते हैं।
इतने लोग हो चुके हैं साइबर ठगी का शिकार
इस वर्ष अब तक करीब 750 लोग साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं। इनमें से दो दर्जन से अधिक लोगों की रकम साइबर सेल की सक्रियता के चलते वापस हो चुकी है। इसके बाद भी लोग साइबर अपराध से नहीं बच पा रहे हैं। 300 मामले पेंडिंग में है, इनमें 150 लोगों की रकम पेंडिंग में है। इनके अलावा कुछ मामले साइबर थाने में भी हैं।
अवकाश के दिनों में बनाते हैं अधिक शिकार
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार साइबर ठग अवकाश के दिनों में या फिर शाम 7 बजे के बाद लोगों को अधिक शिकार बनाते हैं। क्योंकि इन दौरान पीड़ित व्यक्ति बैंकों में शिकायत नहीं कर सकता है। ठगी का शिकार हुए लोग तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इस तरह दिए जाते हैं लक्ष्य
टेलीग्राम के जरिए साइबर ठग लोगों को झांसा देते हैं कि पांच सौ रुपये लगाने पर 750 रुपये मिलेंगे। जब लोग कुछ रकम लगा देते हैं तो जालसाज बताई गई रकम वापस कर देते हैं। बाद में अधिक रकम लगवाते हैं। लालच में फंसे लोग अधिक रुपये लगा बैठते हैं। बाद में लक्ष्य पूरा न होने का हवाला देकर रकम रोक लेते हैं। इसके बाद बैंक खाते की डिटेल ले लेते हैं और खाते में सेंध लगाकर रुपये ऐंठ लेते हैं। साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि आरोपी अलग-अलग शहरों से होते हैं। ऐसे में पुलिस भी उन तक नहीं पहुंच पाती है।
सोशल साइट्स पर ऑफर्स से बचें
हर दिन अपने फेसबुक दोस्तों को जांचें कि कोई क्लोन तो नहीं है। इंस्टाग्राम पर फिशिंग स्कैम चल रहा है। इसलिए किसी भी कीमत पर इनसे समझौता न करें। ओएलएक्स पर किसी भी तरह की एडवांस बुकिंग न कराएं। वस्तु आने पर डिलीवर ब्वॉय के सामने खोलकर देख लें उसके बाद ही भुगतान करें। सोशल साइटों पर आने वाले ऑफर्स से बचें। कहीं बाहर जा रहे हैं तो ऑनलाइन पोस्ट शेयर करने से बचें। इसके साथ ही डार्क वेब से बचें ( इन बेवसाइटों पर अवैध व वैध दोनों कार्य होते हैं) ।
इन बातों का भी रखें विशेष ध्यान
अगर आप अपने मोबाइल पर इंटरनेट को इस्तेमाल करते हैं तो उसकी आईपी अल्प समय के लिए बनती है। अपने बायोमेट्रिक डाटा और आधार किसी को न बताएं। डिजिटली लॉक रखें और दो चरण का लॉक लगाएं। वाइस ओवर इंटरनेंट प्रोटोकॉल वाइप के जरिए अपने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर हमें सुरक्षा प्रोटोकॉल रखें। किसी सार्वजनिक पावर चार्जिंग स्टेशन पर कभी मोबाइल चार्ज न करें। वहां हमेशा हैकिंग का खतरा बना रहता है।
एटीएम में स्कैनर लगाकर ठग डिटेल चुरा लेते हैं। एटीएम केबिन में कार्ड का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहें और मदद न लें। इंटरनेट पर किसी भी संदिग्ध लगने वाले लिंक को क्लिक न करें। ऑनलाइन बुकिंग के दौरान प्रचलित मोबाइल एप का ही प्रयोग करें। एटीएम पिन का पासवर्ड, ओटीपी समेत अन्य जानकारी शेयर न करें। ऑनलाइन लोन लेने से बचें। मिस्ड कॉल, 92, 90, 09 या 344 से शुरू होने वाले कॉल से बचें और कॉल बैक भी नहीं करें। पासवर्ड गोपनीयता बनाए रखें और अपने सोशल एकाउंट व बैंक एकाउंट पर पासवर्ड बदलते रहें।
इस तरह से भी हो रही है ठगी
साइबर सेल के इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि आरबीआई सुपर एप, एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट और टीम व्यूअर जैसे एप डाउनलोड न करें। ये एप भी आपके खाते से रकम उड़ा सकते हैं। इसके अलावा एआई वाइस कॉलिंग एप के जरिए भी जालसाज लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इस एप के जरिए जालसाज आपके जानने वालों की हूबहू आवाज में बात करते हैं। ऑनलाइन न्यूड कॉलिंग कर ब्लैकमेल कर, सेवानिवृत्तों के पीएफ खाते में अपडेट और कमाई के के नाम पर ठगी कर रहे हैं। ऑनलाइन रिश्ते, ऑनलाइन बिल जमा करने, ऑनलाइन गेम, फार्म भरने के नाम पर ठगी हो रही है।