लखनऊ। लोकसभा चुनाव में करारी हार को देखते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने बूथ से लेकर जिला स्तर तक की कमेठी की ऩए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन पदाधिकारियों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, जिनकी भूमिका चुनाव में ठीक नहीं थी और वे निष्क्रिय बने रहे। हर स्तर की कमेठी में सभी समाज के 50 प्रतिशत युवाओं को मौका दिया जाएगा। बसपा प्रमुख ने प्रदेश के 18 मंडलों को छह सेक्टर में बांटते हुए सभी का जिम्मा वरिष्ठ पदाधिकारियों को सौंपा है।
सूत्रों के अनुसार, रविवार को बैठक में मायावती ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बूथ, सेक्टर, विधानसभा और जिला स्तर की कमेठी की नए सिरे से समीक्षा की जाए। संगठन से उन्हें बाहर किया जाए जो सक्रिय नहीं है। 50 प्रतिशत युवा कार्यकर्ताओं को संगठन में रखा जाए। सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए वंचित समाज ही नहीं ओबीसी सहित अपर कास्ट व अल्पसंख्यक समाज के लोगों को भी मौका दिया जाए।
सूत्रों के मुताबिक, मायावती ने तीन-तीन मंडलों को मिलाकर छह सेक्टर में प्रदेश को बांटते हुए सभी में अब चार-चार वरिष्ठ पदाधिकारी को लगाया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को अयोध्या, आजमगढ़ और वाराणसी मंडल के सेक्टर का भी दायित्व सौंपा है।
पाल के साथ डा. विजय प्रकाश, धर्मवीर अशोक व भीम राजभर भी लगाए गए हैं। इसी तरह लखनऊ, प्रयागराज व मिर्जापुर मंडल के सेक्टर में घनश्याम खरवार, दिनेश चंद्रा, अखिलेश आंबेडकर व शमसुद्दीन राइन, गोंडा, बस्ती व देवीपाटन मंडल के सेक्टर डा. बलिराम, भीमराव आंबेडकर, इंदरराम व सुधीर, मेरठ, सहारनपुर व मुरादाबाद सेक्टर में मुनकाद अली, गिरीश चंद्र, दारा सिंह प्रजापति व राजकुमार गौतम, आगरा, अलीगढ़ व बरेली सेक्टर में सूरज सिंह, जफर मलिक, हेमंत प्रताप व सत्यपाल तथा कानपुर, झांसी व चित्रकूट मंडल के सेक्टर का दायित्व नौशाद अली व प्रवेश कुरील को सौंपा गया है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी में बड़े स्तर पर अभी और भी फेरबदल हो सकता है।
दक्षिण के सभी राज्यों का दायित्व संभालेंगे डा. अशोक सिद्धार्थ
मायावती ने पूर्व राज्यसभा सदस्य डा. अशोक सिद्धार्थ को दक्षिण के सभी राज्यों में बसपा को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी है। हिन्दी भाषी राज्य दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार राज्य का प्रभारी रामजी गौतम, जम्मू-कश्मीर का राजाराम को जबकि झारखंड का गया चरण दिनकर को सौंपा है।
जिलों में जाएंगे आकाश, बंद कमरे में करेंगे बैठकें
वैसे तो नेशनल कोआर्डिनेटर बनाए जाने के बाद आकाश आनंद को देशभर में बसपा को मजबूत करना है लेकिन उनका सर्वाधिक फोकस अब उत्तर प्रदेश पर ही रहेगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार जल्द ही आकाश राज्य के जिलों में जाएंगे। हर एक जिले में वह पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक करेंगे। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बारे में उनसे खुलकर बात करेंगे। अगले विधानसभा चुनाव में बेहतर नतीजों के लिए अभी से उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताएंगे।
आकाश की पहली कोशिश विधानसभा की रिक्त सीटों के हाल-फिलहाल में होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन से लेकर मजबूती से लड़ने की है ताकि पहले से बेहतर नतीजे आएं और उसका बड़ा संदेश जाए।