-सांसद समेत अफसरों से शिकायत के बाद भी नही खाली हुआ भवन।
-स्थानीय है ब्रांच मैनेजर,करा रहे विवाद।
- सप्ताह भर पहले पत्र के जरिए भवन स्वामी दे चुका है अल्टीमेटम,न खाली हुआ तो जड़ेंगे ताला।
- तीन वर्ष से नही मिला किराया,भवन स्वामी के सामने आर्थिक
संकट। कूरेभार,सुल्तानपुर।नियम विरुद्ध तरीके से कस्बे में बैंक आफ बड़ौदा भवन स्वामी के मकान में संचालित हो रहा हैं। जबकि नोटिस देने के बाद भी अभी तक मकान को बैंक के नही खाली किया गया।खाली न करने की मुख्य वजह बैंक मैनेजर स्थानीय है।परिवार में ही विवाद करा दिए है।जबकि भवन खाली करने के लिए सांसद मेनका गांधी समेत डीएम,बैंक के आरएम तक से लिखित तौर पर फरियाद कर चुका है।फिर भी जबरन कब्जा कर बैंक चल रहा है।किराए की धनराशि न मिलने से परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया हैं।
देखा जाय तो मार्च2021 में बैंक का एग्रीमेंट समाप्त हो चुका हैं।तब से पीड़ित भवन स्वामी कृष्ण कुमार व अरुण कुमार गुप्ता ने किरायेदारी का एग्रीमेंट रिन्यू करने के बजाय खाली करने की नोटिस दी।तब से तीन वर्ष बीत गए बैंक ने भवन खाली नहीं किया है। विवाद था कि किराए की बढ़ोतरी के साथ एग्रीमेंट किया जाय।जिस पर बैंक तैयार नही हुआ।तब से न तो किराए मिला न ही खाली हुआ। यह बैंक कृष्ण कुमार,अरुण कुमार व बजरंग गुप्ता के सामूहिक भवन में संचालित हो रहा है।इसके बाद भी बैंक मैनेजर न तो भवन खाली कर रहे है। न ही पिछले तीन वर्षो का कोई किराया दे रहे है।जबकि भवन स्वामी कृष्ण कुमार का कहना है कि भवन खाली कर दे।यही नहीं भवन खाली करने की शिकायत सांसद मेनका गांधी से भी किया था तो उन्होंने एलडीएम को निर्देशित करते हुए भवन खाली करने को कहा था। यह निर्देश दिए साल भर बीतने को है,खाली नही किया गया।
फिलहाल पीड़ित भवन स्वामी ने डीएम,एसपी,बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक,शाखा प्रबंधक को भी पत्र भेज कर अनुरोध कर चुका है।भवन न खाली होने,बिना एग्रीमेंट के बैंक संचालन करने के पीछे ब्रांच मैनेजर विशाल गुप्ता की भूमिका है।जो यही के सटे ब्लाक व कस्बा धनपतगंज के रहने वाले है।परिवार में ही विवाद करा रहे है।बैंक उच्चाधिकारियों को गलत सूचना भेज रहे हैं।ऐसे में भवन खाली न हुआ तो 31मई को भवन स्वामी खुद खाली कराते हुए दीवाल बनाने के साथ ही ताला जड़ देगा।इस बाबत एलडीएम का कहना है कि मतगणना बाद बैंक दूसरे भवन में शिफ्ट होगा।जबकि सच तो यह है कि एलडीएम ने साल भर पहले सांसद मेनका गांधी से भवन खाली करने को कहा था।सूत्रों की माने तो अभी बैंक को अन्यत्र शिफ्ट करने के लिए अन्य भवन का न तो एग्रीमेंट हुआ है न ही तैयारी चल रही हैं।