बरेली:- डेंगू और मलेरिया के भीषण प्रकोप की वजह से पहले ही जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग की चुनौती 11 डॉक्टरों के एकाएक इस्तीफा दे देने से और बढ़ गई है। इन डॉक्टरों ने इस्तीफा देने के अलग-अलग कारण बताए हैं। स्वास्थ्य विभाग में इन इस्तीफों के बाद खलबली मची हुई है।
स्वास्थ्य विभाग पहले ही लंबे समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। हालत यह है कि जिले में डॉक्टरों के करीब 30 फीसदी पद रिक्त हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए शासन ने वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से डॉक्टरों की भर्ती करने का निर्देश दिया था। इसके बाद करीब नौ माह पहले जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत डॉक्टरों की भर्ती की गई थीं।
इनमें से डॉ. मोनी कश्यप, डॉ. काजिम अब्बास, डॉ. अमन मौर्य, डॉ. सैजनी यादव, डॉ. विजेंद्र सिंह, डॉ. सुचेत यादव, डॉ. हीराकमर, डॉ. सुनीधि गुप्ता, डॉ. निखिल कुमार, डॉ. यू खान, डॉ. प्रखर सक्सेना समेत 11 डॉक्टरों ने अब त्यागपत्र दे दिया है।
उच्चाधिकारियों को भेजे गए त्यागपत्र में इन डॉक्टरों ने पीजी में चयन होने के साथ कुछ और निजी कारणों का हवाला दिया है। ये सभी डॉक्टर शहरी क्षेत्र के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर तैनात थे। माना जा रहा है कि इन डॉक्टरों के त्यागपत्र देने के बाद इन सेंटरों का संचालन प्रभावित होगा।