बीकेटी लखनऊ किसानो का जीवन अच्छी फसल की आस में ही रहता है। इस बार बाढ़ के बाद मौसम की दया से फिलहाल सब कुछ रहा है खेतों में हरियाली दिखाई देने लगी है तो किसानों की नींद हराम हो गई है क्योंकि उन्हें फसलों की रक्षा बेसहारा मवेशियों से जो करना पड़ता रहा है। इससे घर की खटिया खेतों मे आ गई, बेसहारा पशुओं से फसल को बचाने में अपने को भूल जाना मानो इन अन्नदाताओं की नियति का हिस्सा बन गया है। किसान द्वारा उत्पादित अन्य भरपेट छकने के बाद हमें गहरी नींद आती है वही किसान आधे पेट रहकर और अपनी नींद कुर्बान कर के मचानों एवं झोपड़ी में रतजगा करने की विवश हैं। खेतों में सीजन की फसल खड़ी हुई है लेकिन इन फसलों को बचाने के लिए रात दिन कड़ी मेहनत करना पड़ रहा है। किसानों को इस समय एक ही चिंता सताती रहती है की किसान के खेत में छुट्टा जानवर फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर रहे हैं जिसकी वजह से यहां दिन रात किसानों को खेतों में पहरा देना पड़ रहा है बीकेटी क्षेत्र ग्राम पंचायत शिवपुरी राजापुर कुम्हरावा कठवारा बीरमपुर मदारीपुर मरपा इटौंजा रामपुर बरगदी पंचायत में छुट्टा जानवरों को ताबड़तोड़ आतंक है मवेशियों छुट्टा जानवरों के लिए शासन द्वारा कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है जिससे किसान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो रही है। ठंडा और कोहरे के कारण किसान को अपने खेतों तक जाने में अनेकों कठिनाइयां झेलना पड़ रहा है। सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत नगर पंचायत में पशु आश्रय केंद्र खोले गए परंतु गांव में जो अस्थाई अनुदान आशा केंद्र बने हुए उनका भी संचालन प्रशासन के कर्मचारी द्वारा सही ढंग से सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है उल्लेखनीय है कि ग्रामीण इलाकों में इस समय बेसहारा जानवरो की तादाद बहुत ज्यादा है।
जिम्मेदार बोले
जब इस संबंध में उपजिलाधिकारी बीकेटी सतीश कुमार त्रिपाठी से जानकारी की गई तो उन्होंने कहा अभियान चलाकर मवेशियों पकड़ कर गौशाला में कराई जाएगी।
वर्जन
जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी पूजा पांडे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव के नागरिक ही मवेशियों को छुट्टा छोड़ते हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और सूचना मिलते ही छुट्टा मवेशियों को पड़कर गौशालाओं में भेजा जा रहा है।