बाराबंकी लोकसभा सीट पर भाजपा की राजरानी के आने से बदला समीकरण

बाराबंकी | भाजपा नेतृत्व ने युवा नेती एवं पूर्व सांसद प्रियंका सिंह रावत की जगह अनुभव को तरजीह देते हुए पूर्व विधायक और मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत को बाराबंकी 53 लोकसभा सुरक्षित सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। राजरानी रावत का मुकाबला कांग्रेस सपा गठबंधन के प्रत्याशी तनुज पुनिया से होगा। भाजपा प्रत्याशी के आगे कांग्रेस सपा गठबंधन प्रत्याशी के लिए बाराबंकी सीट पर चुनाव जीतना काफी मुश्किल होता दिखाई दे रहा है।
भाजपा ने बाराबंकी से उपेंद्र सिंह रावत की जगह राजरानी रावत को मैदान में उतारा है। राजरानी रावत को टिकट देकर भाजपा ने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित किया है।
भाजपा की पिछली सुची में मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत को ही प्रत्याशी बनाया गया था। लेकिन घोषणा के अगले ही दिन एक अश्लील वीडियो वायरल होने के कारण उन्होंने स्वयं घोषणा कर दी कि जब तक निर्दोष साबित नहीं हो जातें कोई चुनाव नहीं लडेंगे। उसके बाद भाजपा ने राजरानी रावत को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है।

राजरानी का राजनीतिक इतिहास
राजरानी रावत का राजनैतिक इतिहास लगभग 29 साल पूराना है। उन्होंने भाजपा के समर्थन पर राजरानी रावत ने वर्ष 1995 में निदूरा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। और भारी मतों से जीत दर्ज की थी। वर्ष 1996 फतेहपुर विधानसभा सुरक्षित सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी। लेकिन सपा के हरदेव सिंह रावत से मात्र 509 वोटों से चुनाव हार गई। इस के बाद वर्ष 2000 में फिर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। सन् 2002 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ी और पहली बार भाजपा से विधायक बनीं। सन् 2007 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी और बसपा की मीता गौतम ने इन को काफी मतों चुनाव में हरा दिया।
इसके बाद फतेहपुर विधानसभा सुरक्षित सीट कुर्सी विधानसभा सामान्य सीट कर दी गई। उसे समय कुर्सी विधानसभा सामान्य सीट पर भाजपा ने राज लक्ष्मी वर्मा को चुनाव लड़ाया इस सीट पर सन 2012 में कुर्सी विधानसभा सीट से पहली बार सपा के फरीद महफूज किदवई विधायक चुने गए। सन 2012 में भाजपा से टिकट न मिलने के कारण पार्टी से नाराज़ होकर राजरानी रावत ने सपा का दामन थाम लिया और सन् 2014 में बाराबंकी लोकसभा सीट से सपा ने राजरानी रावत को अपना प्रत्याशी बनाया। और भाजपा की प्रियंका सिंह रावत से चुनाव हार गई। सन 2020 में राजरानी रावत ने सपा छोड़कर पुनः भाजपा का दामन थाम लिया। सन् 2021 में भाजपा के समर्थन से निदूरा से जिला पंचायत सदस्य चुनीं गई।उस समय भाजपा नेतृत्व ने नामांकन से मात्र दो दिन पहले जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी राजरानी रावत को बनाया था। राजरानी रावत ने सपा की प्रत्याशी नेहा आंनद को हराया था।
भाजपा के टिकट को लेकर कई दिनों से चर्चा चल रही थी लेकिन अंत में समीकरण बदले और तीन नाम सामने आए जिसमें राजनी रावत का भी नाम इन्हीं नामों में शामिल था।

बाराबंकी लोकसभा का जातीय समीकरण
बाराबंकी सुरक्षित लोकसभा सीट में कुल 6 विधानसभा सीट आती हैं जैसे की विधानसभा कुर्सी, रामनगर, जैदपुर ,बाराबंकी, हैदरगढ़ ,दरियाबाद जिसमें दरियाबाद विधानसभा सीट फैजाबाद लोकसभा सीट में चली जाती है बाराबंकी लोकसभा सीट पर मंत्र पांच विधानसभा सीटों को लेकर चुनाव संपन्न कराया जाता है जिसमें अनुसूचित जाति 4 लाख ,कुर्मी 4 लाख , यादव 2 लाख ,अन्य पिछड़ा वर्ग 3 लाख,मुस्लिम 6 लाख,सामान्य 2 लाख के करीब मतदाता रहते हैं।

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