लखनऊ। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी को मानहानि केस में जमानत मिल गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी के आरोप में यहां चल रहे मुकदमे में सांसद राहुल गांधी मंगलवार को कोर्ट में पेश हुए। भारी सुरक्षा के बीच पेश हुए कांग्रेस नेता को कोर्ट ने जमानत दे दी।
साल 2018 के मानहानि मामले में पेशी के लिए राहुल गांधी सुलतानपुर कोर्ट पहुंचे थे। सुलतानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने उनको जमानत दे दी और वो वहां से अमेठी के लिए निकल गए। गौरतलब है कि राहुल गांधी इन दिनों अमेठी में रुके हैं। भारत जोड़ो न्याय यात्रा से राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की जनता को साधने में लगे हैं।
राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जिला न्यायालय से जमानत मिलने पर अधिवक्ता संतोष पांडे ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने आज अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने आत्मसमर्पण किया और अदालत ने उन्हें 30-45 मिनट के लिए हिरासत में ले लिया। उसके बाद , उनकी जमानत याचिका प्रस्तुत की गई थी और (अदालत द्वारा) स्वीकार कर ली गई थी।
सिक्योरिटी और लोकल बान्ड पर मिली जमानत
अधिवक्ता संतोष पांडे ने बताया कि राहुल गांधी ने अपना लोकल बान्ड दाखिल किया। उन्हें 25-25 हजार की सिक्योरिटी और 25 हजार के बेल बॉन्ड पर जमानत दी गई। आगे की तारीख अभी नहीं दी गई है। उनके वकील ने कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने कोई मानहानिकारक बयान नहीं दिया है।
राहुल गांधी के आने पर जिंदाबाद के नारे भी लगे। राहुल गांधी कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचे। राहुल गांधी के समर्थकों का हूजूम यहां उमड़ा।
यह है मामला
सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता विजय मिश्र ने राहुल गांधी पर पांच साल पहले विशेष न्यायालय में परिवाद दायर किया था, जिसमें कुछ दिन पूर्व निर्णय आया। मामले में न्यायाधीश ने राहुल को पेश होने का आदेश दे रखा है। परिवादी का आरोप है कि 15 जुलाई, 2018 को भाजपा कार्यकर्ता अनिरुद्ध शुक्ल व दिनेश कुमार ने अपने मोबाइल पर एक वीडियो क्लिप दिखाई थी। इसमें राहुल गांधी अमित शाह को हत्यारा कह रहे थे। बयान बेंगलुरु में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बताए गए हैं, जो जस्टिस लोया की मृत्यु को लेकर थे।
राहुल पर मानहानि का मुकदमा
मिश्र के अधिवक्ता संतोष पांडेय ने बताया कि परिवादी व दो गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर विशेष दंडाधिकारी योगेश यादव ने राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा चलाने का आदेश बीते वर्ष 27 नवंबर को दिया था। इसके बाद उपस्थित होने के लिए तीन बार समन जारी किया गया। पिछली पेशी तिथि (18 जनवरी) पर राहुल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ल ने वकालतनामा दाखिल किया था।