पल्स पोलियो अभियान के लिए निकाली गई जागरूकता रैली…

16 दिसम्बर तक चलेगा अभियान

-आज 1680 बूथ पर पिलाई जाएगी “दो बूंद जिंदगी की”

बलिया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार को सघन पल्स पोलियो अभियान को लेकर जन जागरूकता रैली निकाली गई। रैली एएनएम ट्रेंनिंग सेंटर से जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में प्रशिक्षण ले रही एएनएम ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। रैली एएनएम ट्रेनिंग सेंटर से शुरू होकर टीडी चौराहे होते हुए पुन: एएनएम ट्रेनिंग सेंटर आकर समाप्त हुई। रैली में “घर-घर जाना है, दो बूंद जिंदगी का पिलाना है” “हम सब ने यह ठाना है, पोलियो दूर भगाना है” आदि नारे लगाकर लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही रविवार (10 दिसम्बर) से शुरू हो रहे पल्स पोलियो अभियान में शून्य से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए अभिभावकों को जागरूक किया गया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने अभिभावकों से अपील किया कि अभियान के दौरान अपने शून्य से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा जरूर पिलाएं। उन्होंने बताया कि यह अभियान रविवार से शुरू होकर 16 दिसम्बर तक चलेगा। बताया कि जनपद में रविवार को करीब 1680 बूथ पर बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद 11 से 16 दिसम्बर तक टीम घर-घर जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाएंगी। इसके लिए 856 टीम बनाई गईं हैं, जो लक्षित 4.70 लाख बच्चों को दवा पिलाने का कार्य करेंगी। जिला स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारी भी पल्स पोलियो टीम का औचक निरीक्षण करेंगे। प्रतिदिन शाम को ब्लाक स्तर के नोडल अधिकारियों के द्वारा अभियान का फीडबैक लिया जाएगा और अभियान की समीक्षा होगी। उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. शशि प्रकाश ने बताया कि पोलियो का टीका नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल है। पल्स पोलियो की दवा जन्म के समय ही दी जाती है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलायी जाती है। उन्होंने बताया कि पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है । इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण कुछ पड़ोसी देशों में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया। चूंकि पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं, इसलिए एहतियातन भारत में भी शून्य से पांच वर्ष तक के हर बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है। इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह शून्य से पांच वर्ष तक के अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं। इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव, कार्यवाहक जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक संतोष कुमार सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. शांता घटक, यूनिसेफ के डीएमसी मोहम्मद नसीम खान आदि मौजूद रहे।

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