सर्पदंश से बचने के लिए जागरूक होना जरूरी : अंकुर माथुर

प्रशिक्षण सत्र में सर्पदंश की घटनाओं को कम करने के लिए दी जानकारी

बाराबंकी। नागेश्वर धाम के परिसर में जिला आपदा प्रबंधन द्वारा सर्पदंश के मामलों से निपटने के लिए बाराबंकी जिले के विभिन्न पुजारी एवं संत संन्यासियों को सर्पदंश के बारे में वृहद जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम मंगलवार को अपर जिला अधिकारी के निर्देशानुसार जिला आपदा विशेषज्ञ प्राची उमराव द्वारा आयोजित किया गया। उनके द्वारा यह बताया गया कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सर्पदंश के मामलों की गंभीर समस्या से निपटने के अग्रणी प्रयास में, सर्पदंश शमन परियोजना जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यापक प्रशिक्षण सत्रों की एक श्रृंखला की मेजबानी कर रही है। प्रशिक्षण सत्र स्थानीय समुदायों को सर्पदंश की घटनाओं को कम करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

पुजारियों जैसी प्रमुख सामुदायिक हस्तियों के साथ जुड़कर, हमारा लक्ष्य जागरूकता संदेशों को बढ़ाना, जीवन-रक्षक जानकारी प्रसारित करने के लिए समुदाय के भीतर उनके प्रभाव का लाभ उठाना है। परियोजना एक ऐसे भविष्य की कल्पना करती है जहां बाराबंकी जिला न केवल सर्पदंश की घटनाओं को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए सुसज्जित होगा बल्कि उन्हें रोकने की दिशा में भी सक्रिय रूप से काम करेगा। इस अवसर पर राज्य सर्पदंश परियोजना सलाहकार काव्या शर्मा भी मौजूद रही। उन्होंने लोगों को सर्वदंश से बचाव के उपचार के बारे में जानकारी दी।

इसी क्रम बालाजी ग्रुप स्कूल के डायरेक्टर अंकुर माथुर ने बाराबंकी में पाए जाने वाले साँपो के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह बताया किस प्रकार से सर्प हमारे जीवन में उपयोगी हैं और उनको बिना मारे कैसे हम उनका भी जीवन बचा सकते हैं और लोग उनसे अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं। तत्पश्चात नगर पुरोहित पं अरविन्द मिश्र ने सर्प का आध्यात्मिक महत्व बताया। उन्होंने बताया कि सर्प के काटने के बाद उपचार की सही जानकारी सभी के लिए जीवन रक्षक का कार्य करेंगी। इस पं प्रदीप मिश्र, पं अश्वनी कुमार मिश्र, पं चन्दन कुमार, आकाश मिश्रा, सोनू महाराज, कृष्णनंद, कुलदीप शास्त्री, जतिन चौधरी जी आदि उपस्थित रहे।

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