ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका को हराकर फाइनल में बनाई जगह

कोलकाता। बड़े टूर्नामेंटों के निर्णायक मैचों में दक्षिण अफ्रीका को आखिर हो क्या जाता है?…यह किसी यक्ष प्रश्न से कम नहीं है। विश्व कप के ग्रुप चरण में शानदार प्रदर्शन करने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम गुरुवार को ईडन गार्डेंस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध दूसरे सेमीफाइनल मैच में फिर ‘चोकर्स’ बन गई और इसी के साथ केपलर वेसल्स, दिवंगत हैंसी क्रोनिए, गैरी कर्स्टन, शान पोलक, जोंटी रोड्स, जैक कैलिस, ग्रीम स्मिथ, एबी डीविलियर्स से लेकर तेंबा बावुमा तक का विश्व विजेता बनने का सपना एक बार फिर चकनाचूर हो गया।

दक्षिण अफ्रीका ने खराब बल्लेबाजी की, लेकिन जबर्दस्त गेंदबाजी करके मैच जीतने का भरसक प्रयास किया, लेकिन आखिरकार ‘बड़े मैचों की फिसड्डी टीम’ का दर्जा नहीं हटा पाया। ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को तीन विकेट से हराकर आठवीं बार विश्व कप के फाइनल में जगह बना ली और अब वह 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में खिताबी मुकाबले में रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली जोश से भरपूर भारतीय टीम से भिड़ेगा।

दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.4 ओवर में 10 विकेट पर 212 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया ने आसान लग रहे इस लक्ष्य को बड़ी मुश्किल से प्राप्त किया। उसने 47.2 ओवर में सात विकेट खोकर 215 रन बनाए। इसमें ट्रेविस हेड (60), स्टीव स्मिथ (30) और विकेटकीपर जोश इंग्लिश (28) का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

आठवीं बार फाइनल में ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के लिए कहा जाता है कि नाकआउट मैचों में उसका प्रदर्शन का स्तर दोगना बढ़ जाता है, हालांकि इस मैच में दक्षिण अफ्रीका की कसी गेंदबाजी के कारण वह पूरे दबाव में आ गई थी। ट्रेविस हेड और डेविड वार्नर (29) ने छोटे से लक्ष्य को तेजी से साधने के लिए तेजी से बल्लेबाजी करते हुए पहले छह ओवर में ही 60 रन जोड़ दिए थे, लेकिन एडन मार्करम ने वार्नर को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने तेजी से विकेट खोए।

एक समय 137 रन पर ऑस्ट्रेलिया के पांच विकेट गिर गए थे। स्मिथ और इंग्लिश समझदारी से बल्लेबाजी करते हुए टीम स्कोर को लक्ष्य के करीब ले गए। उसके बाद मिशेल स्टार्क (नाबाद 16) और कप्तान पैट कमिंस (नाबाद 14) ने जीत दिला दी। दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों ने महत्वपूर्ण मौकों पर कैच नहीं छोड़े होते तो परिणाम कुछ और भी हो सकता था।

ऑस्ट्रेलिया आठवीं बार विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचा है। पिछले सात फाइनल में से उसने पांच जीते हैं और मात्र दो हारा है। वहीं नौवें सेमीफाइनल में यह उसकी आठवीं जीत है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र 2019 में सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हारा था।

213 का फेर
दक्षिण अफ्रीका के लिए 213 ऐसा दुर्भाग्यशाली टीम स्कोर है, जिसने 24 साल बाद भी उसका पीछा नहीं छोड़ा है। 1999 के विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में हुए सेमीफाइनल मैच में दोनों टीमों ने इतने ही रन बनाए थे और मैच टाई रहा था, लेकिन सुपर सिक्स चरण में बेहतर नेट रन रेट के कारण ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंच गया था।

मिलर की जुझारू पारी
दक्षिण अफ्रीका के एक समय 24 रन पर चार विकेट गिर चुके थे। वहां से मिलर ने हेनरिक क्लासेन (47) के साथ पारी को संभाला। मिलर ने कमिंस की गेंद पर छक्का लगाकर अपने वनडे करियर का छठा शतक पूरा किया। 116 गेंदों की उनकी पारी में आठ चौके व पांच छक्के शामिल रहे।

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