नगर पंचायत महोली में दो लाख आठ हजार रुपए में हुई पार्किंग ठेका की नीलामी

महोली सीतापुर| नगर पंचायत में महोली में कहीं भी वाहनों को खड़े करने की जगह नहीं है इसके बावजूद भी नगर पंचायत अध्यक्ष केतुका देवी, अधिशासी अधिकारीआदित्य प्रकाश ,अध्यक्ष प्रतिनिधित्व दिनेश गुप्ता (टीटू)अरविंद चौधरी, सभासद राजू, वरिष्ठ लिपिक रवि गुप्ता की मौजूदगी में नगर पंचायत द्वारा आय बढ़ाने के लिए पार्किंग ठेका दो लाख आठ हजार रूपए में, कबाड़ की नीलामी एक लाख पचहत्तर हजार रुपए में बोली के आधार पर कर दी गई है।
नगर पंचायत महोली में वाहन चालक अपने टैक्सी वाहनों, व बैटरी चालित ऑटो को सड़क के किनारे खड़े करके सवारियां भरते हैं जिस कारण वाहन चालकों व व्यापारियों में विवाद उत्पन्न होती रहती हैं। पूर्व में नगर पंचायत द्वारा ठेका दिए जाने पर ठेकेदार के लोग नगर में घूम-घूम कर पार्किंग शुल्क वसूली करते थे। जब भी कोई वाहन किसी भी व्यापारी की दुकान के सामने माल उतरता था या फिर लादता था तो उनसे ठेकेदार के लोग पार्किंग शुल्क वसूल करते थे जिस कारण कभी-कभी व्यापारियों व ठेकेदार के लोगों से पार्किंग शुल्क वसूली के कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। सड़क के किनारे वाहन चालकों व्यापारियों व ठेकेदार के लोगों में नोंक झोंक के साथ मारपीट की भी नौबत आती रही है।

वर्तमान वर्तमान समय में नगर पंचायत महोली से पार्किंग ठेका उठाए जाने की सुगबुगाहट के बीच उद्योग व्यापार मंडल महोली के अध्यक्ष महेश गुप्ता दीपू ने अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत महोली को पत्र लिखकर वित्तीय (वर्ष 2024- 25) के पार्किंग ठेका उठाने से पहले ठेके के संबंध में खामियों पर सुझाव के लिए व्यापारियों से वार्ता करने को कहा था। संभवत उनकी मांगों को मानते हुए इस बार नगर पंचायत द्वारा दुकानों के सामने से माल उठाने व उतरने पर कोई भी शुल्क नहीं वसूला जाएगा। लेकिन अब सवाल उठता है कि जब पार्किंग स्थल व पार्किंग ठेका के लिए अनिवार्य सुविधा नहीं है तो फिर पार्किंग ठेका उठाया ही क्यों जाता है?

मौजूदा समय में अत्यधिक बेरोजगारी के चलते अपने परिवार के भरण पोषण के लिए लोग बैटरी चालित ऑटो रिक्शा फाइनेंस कराके ले तो लेते हैं परंतु ऑटो की भीड़ की वजह से उन्हें बहुत सी कठिनाइयों को झेलना भी पड़ता है क्योंकि नगर में सवारियों को उठने बैठने की वजह से एक तरफ जाम की स्थिति उत्पन्न होती है तो दूसरी तरफ जाम में फंसे लोगों की गालियां सुनने को मिलती हैं तथा कभी-कभी पुलिस के चालान भी मिलते हैं। इन सबके बीच पार्किंग ठेका हो जाने से ऑटो चालकों के लिए सड़क के किनारे कहीं भी सुकून से खड़े होकर सुस्ताने की जगह न होने के बावजूद भी पार्किंग शुल्क देना पड़ेगा। जो संभवत टैक्सी व ऑटो चालकों पर अतिरिक्त भार ही होगा।

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