गोरखपुर। इसे रेलवे प्रशासन की इच्छाशक्ति का अभाव कहें या आनलाइन हाजिरी को लेकर उदासीनता या समय से दफ्तर पहुंचने का डर। लगभग पूरी तरह डिजिटल प्लेटफार्म पर आने के बाद भी रेलकर्मी रजिस्टर पर ही हाजिरी लगा रहे हैं। यह तब है जब रेलकर्मियों की छुट्टी और सुविधा पास से लगायत संबंधित विभागीय कार्य आनलाइन होने लगे हैं।
रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश और लगातार प्रयासों के बाद भी पूर्वोत्तर रेलवे में आज तक आनलाइन हाजिरी शुरू नहीं हो सकी। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में अक्टूबर, 2014 से ही बायोमीट्रिक मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
इसे लेकर दैनिक जागरण ने सूचना का अधिकार के अंतर्गत रेलकर्मियों की आनलाइन हाजिरी के बारे में सूचना मांगी। रेलवे प्रशासन और यांत्रिक कारखाना प्रबंधन ने भी स्वीकार किया कि बायोमीट्रिक मशीनें तो लगाई गईं, लेकिन वर्तमान में रेलकर्मियों की आनलाइन हाजिरी शुरू नहीं हो पाई है।
सूचना का अधिकार के अंतर्गत मिली जानकारी के अनुसार रेलवे प्रशासन ने विभागीय कार्यालयों में बायोमीट्रिक मशीन लगाने में ही 40,69,820 लाख रुपये खर्च कर डाले हैं। इसमें गोरखपुर स्थित कार्यालयों में बायोमीट्रिक मशीन लगाने के लिए 28,93,000 रुपये खर्च हुए हैं। सिर्फ यांत्रिक कारखाने में मशीन लगाने के लिए 11,76,820 रुपये खर्च हो चुके हैं।
कोविडकाल के पहले ही लग गई थीं बायोमीट्रिक
मशीनें जानकारों का कहना है कि कार्यालयों में कोविडकाल के पहले ही बायोमीट्रिक मशीनें लग गई थीं। आनलाइन हाजिरी की व्यवस्था शुरू होने से पहले ही मशीनें उजड़ गईं। यही स्थित कारखाना की है। कारखाना में पिछले साल कुछ दिन आनलाइन हाजिरी शुरू होने के बाद बंद हो गई, आज तक शुरू नहीं हो पाई। बाद में कारखाना प्रबंधन ने फेसियल रिकग्निशन सिस्टम भी लगाया लेकिन गेटों पर लगी सभी मशीनें धूल फांक रही हैं।
इनमें अधिकतर बदहाल हैं, यही स्थिति रही तो मशीनें भी गायब हो जाएंगी। आनलाइन हाजिरी को लेकर न संबंधित अधिकारी संज्ञान लेते हैं और न कर्मचारी रुचि दिखाते हैं। रेलवे प्रशासन यह भी स्पष्ट नहीं कर पा रहा कि कर्मचारियों की नियमित आनलाइन हाजिरी कब से शुरू हो पाएगी।
जानकार कहते हैं कि रेल मंत्रालय जोनल और डिविजनल कार्यालयों में लगातार अनावश्यक खर्चों में कटौती का दबाव बना रहा है, रेलवे प्रशासन बिना सोचे-समझे पैसा खर्च कर रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि कारखाने में फेसियल रिकग्निशन सिस्टम से रेलकर्मियों की हाजिरी लग रही है।