कही तबेला, कही मदिरापान का अड्डा बना आयुष्मान आरोग्य मंदिर

सीएचओ नदारद, जनप्रतिनिधियों ने की सीएमओं से शिकायत

हैदरगढ़ बाराबंकी। चिकित्सा क्षेत्र त्रिवेदीगंज अन्तर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर ताले लटक रहे है। सीएचओं घर बैठे मरीजो का इलाज कर रहे है। सेंटर पर सीएचओ की चहल कदमी ना होने आरोग्य मंदिर, मदिरापान करने वालों का अड्डा बन गया है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने मुख्य चिकित्साधिकारी से शिकायत कर आरोग्य मंदिर खुलवाने की मांग की हैै। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतो में ग्रामीणों की सुविधा के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनवा दिया, ताकि ग्रामीण जनता अपना प्राथमिक इलाज गांव में करवा सके। लेकिन त्रिवेदीगंज क्षेत्र में स्थित अधिकंाश आरोग्य मंदिरों पर तैनात सीएचओ मुख्यमंत्री द्वारा मिल रही सुविधाओं में पलीता लगा रहे। बात किया जाए आरोग्य मंदिर दहिला त्रिवेदीगंज की तो यहां तैनात सीएचओ जयंत तिवारी की तैनाती है। ग्रामीणों के मुताविक साहब कभी कभार आते है और कागजी कोरम भर कर वापस चले जाते है। यही नही राघवपुर में लाखो की लागत से बना आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी सीएचओं के ना आने से ग्रामीण सेंटर को तबेला का रूप देना शुरू कर दिया है। सेटर के आस-पास गंदगी और घूर का साम्राज्य स्थापित हो गया है। वही उपस्वाथ्य केंद्र रामनगर भी सीएचओं के ना आने से बंद हमेशा बंद रहता है। मावेशी चरा रहे ग्रामीण बताते है कि हमने कभी सेटर खुले देखा ही नही। वही आयुष्मान सेंटर पोखरा की बात किया जाए तो यहां भी कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला। जबकि आरोग्य मंदिर मनोेधरपुर प्रथम में सीएचओं शिवांशी की तैनाती है। ग्रामीण बताते है कि सेंटर पर मरीज हो अथवा नही लेकिन सीएचओ सुबह 09 बजे से शाम 04 बजे तक अपनी डियूटी पर मुस्तैद रहती है। वही इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात किया गया तो उनका कहना था कि मामले की पूर्ण जानकारी हमें नही हैै। जांच कराई जाएगी यदि ऐसा होता है तो कार्यवाही अवश्य की जाएगी।

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