राजद के अनुरोध पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने समाप्त की सदस्यता, यहाँ जाने पूरी वजह…

पटना। राजद एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी की मंगलवार को बिहार विधान परिषद की सदस्यता समाप्त हो गई। राजद के अनुरोध पर दल विरोधी गतिविधियों के लिए विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।

अति पिछड़ा समाज से आने वाल चंद्रवंशी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राजद प्रमुख लालू यादव के खिलाफ की गई टिप्पणी पर यह कार्रवाई हुई है। विधान परिषद में राजद के सचेतक सुनील सिंह ने सभापति को पत्र लिखा कर रामबली सिंह की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी।

आरजेडी का आरोप- रामबली ने तेजस्वी यादव को शराबी बताया
सुनील सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि रामबली सिंह बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में राजद के विधायकों द्वारा द्विवार्षिक चुनाव में दल के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए, लेकिन राजद का सदस्य रहते हुए उन्होंने पार्टी विधानमंडल दल के नेता पर मनगढ़ंत आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव भी शराब पीते हैं।

कहा कि दल की नीति के खिलाफ अति पिछड़ा समाज को खंडित करने के उद्देश्य से तेली, तमोली (चौरसिया) और दांगी जाति को मूल अति पिछड़ा श्रेणी से अलग करने संबंधी बयान दिए। बैनर-पोस्टर लगाकर पदयात्रा एवं सम्मेलन किया। इस कार्यक्रम में न तो दल का चुनाव चिह्न पोस्टर पर लगाया और न ही दल का झंडा लगाए। यही नहीं, जाति आधारित गणना के खिलाफ बयान दिया।

इस मामले में कब-कब क्या हुआ?
दो नवंबर-2023 को सुनील सिंह ने सदस्यता रद्द करने के लिए विधान परिषद में आवेदन दिया था। इसके बाद 15 दिसंबर को रामबली सिंह चंद्रवंशी ने विधान परिषद अध्यक्ष को सफाई दी थी। इसके बाद विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने मामले की सुनवाई की। अब छह फरवरी को सभापति ने फैसला सुनाया है।

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