लखनऊ। भारतीय राजनीति में प्रखर समाजवादी नेता डॉ. राममनोहर लोहिया का कद बहुत ऊंचा है। डॉ. लोहिया स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 25 बार गिरफ्तार हुए। डॉ. लोहिया फर्रुखाबाद संसदीय सीट पर साल 1963 में हुए उपचुनाव में जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे। डॉ. लोहिया ने यह चुनाव करीब 57 हजार से अधिक मतों से जीता था।
पहला चुनाव चंदौली से लड़ा
डॉ. राममनोहर लोहिया ने अपना पहला चुनाव 1957 में लड़ा। दूसरी लोकसभा के लिए साल 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में डॉ. लोहिया उप्र की चंदौली सीट से चुनाव मैदान में उतरे। लेकिन वह जीतने में कामयाब नहीं हुए। इसके बाद 1962 के आम चुनाव में डॉ. लोहिया फूलपुर सीट से प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से मुकाबले के लिए उतरे। इस चुनाव में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।
फर्रुखाबाद से जीते डॉ. लोहिया
1962 में फूलपुर सीट से मिली हार के बाद डॉ. राममनोहर लोहिया ने वर्ष 1963 में मात्र दो सभाएं कर फर्रुखाबाद उपचुनाव में शानदार जीत दर्ज की। साल 1962 में फर्रुखाबाद संसदीय सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मूलचन्द दुबे ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी भारत सिंह राठौर को 14278 वोटों के अंतर से परास्त किया था।
कांग्रेस के सांसद मूलचंद्र दुबे के निधन के बाद 1963 में हुए उपचुनाव में डाॅ. राममनोहर लोहिया फर्रुखाबाद के चुनाव मैदान में उतरे। 1962 में चीन से मिली हार के बाद देश में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश का माहौल था। 1963 के उप-चुनाव के वक्त संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (एसएसपी) फर्रुखाबाद में पकड़ भी मजबूत नहीं थी। चंद लोग ही पार्टी के सदस्य थे लेकिन डॉ. लोहिया उन सदस्यों के बल पर ही कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. बीके केशकर खिलाफ मैदान में उतर गए। डॉ. लोहिया ने पार्टी के गिने-चुने कार्यकर्ताओं और नेताओं की लगन और भावनओं को समझा और कांग्रेस के खिलाफ लड़ने का फैसला कर लिया।
पहली चुनावी सभा सरस्वती भवन में
चुनाव मैदान में उतरने के बाद डॉ. लोहिया ने पहली सभा शहर के सरस्वती भवन में की थी। इसमें पांच से छह हजार लोगों की भीड़ इक्ट्ठा हुई थी। उन्होंने लोगों से अपने लिए वोट मांगे, साथ ही चुनाव खर्च के लिए खुद ही चंदा इकट्ठा करने को कहा था। इस सभा के बाद देश के कई प्रांतों से समाजवादी कार्यकर्ता यहां पहुंच गए थे। डाॅ. लोहिया की सादगी से मोहित होकर यहां की जनता ने उन्हें हाथों हाथ लिया।
कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में उतरी इंदिरा गांधी
डॉ. बीके केशकर के पक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जनसभा की थी और हेलीकाप्टर से अपील लिखे पंपलेट आसमान से बरसाए गए थे। इसके उलट डॉ. लोहिया ने चुनाव के दौरान महज दो जनसभाएं कीं।
मुलायम सिंह ने किया था डॉ. लोहिया का प्रचार
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने फर्रुखाबाद में 1963 में हुए लोकसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव ने डॉ. राम मनोहर लोहिया के लिए प्रचार किया था।
ये मिले थे वोट
डाॅ. राममनोहर लोहिया, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी : 1,07,816
डाॅ. बीके केशकर, कांग्रेस : 50,528
भारत सिंह राठौर, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी : 19,395
छेदी लाल, रिपब्लिकन पार्टी : 5,422