सर्दियां आते ही अक्सर आने लगता है आलस

नई दिल्ली। सर्दियों का मौसम कड़ाके की सर्दी के साथ ही ढेर सारा आलस भी लेकर आता है। ऐसे में आलस की वजह से अक्सर कुछ भी करने का मन नहीं करता है। आलस के कारण दिनभर उबासी आती रहती है और कंबल में सोने की इच्छा करती है। इतना ही नहीं उठने पर भी लगातार हमारे अंदर आलस भरा ही रहता और जरूरी काम करने में सुस्ती छाई रहती है।

सर्दियों आलस और सुस्ती आना काफी आम बात हैं। हम में कई लोग अक्सर इस मौसम में इसका शिकार होते हैं, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर सर्दियों में इतना आलस क्यों आता है। अगर नहीं तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे सर्दियों आलस आने की कुछ वजह और इससे निटपने के कुछ आसान तरीकों के बारे में-

सर्दियों में क्यों आता है आलस
सर्दियों में अक्सर दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं, जिससे हमें धूप कम मिलती है और धूप कम मिलने की वजह से शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। विटामिन डी की हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है। यह न सिर्फ हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने के मदद करता है, बल्कि हमें एनर्जेटिक भी बनाता है। ऐसे में शरीर में इसकी कमी अक्सर आलस और सुस्ती की वजह बनती है। आइए जानते हैं आलस की कुछ और वजह-

शरीर में कफ का बढ़ना
आयुर्वेद का मानना है कि सर्दियों में हमारे शरीर में कफ की मात्रा बढ़ती है। कफ की मात्रा का बढ़ने का मतलब शरीर में भारीपन महसूस होना। इससे ही आलस बढ़ता है और यही आलस बढ़कर सुस्ती में बदल जाता है, जिससे हमें काम करने का मन नहीं करता है।

विटामिन डी की कमी
दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण कारण है धूप की कमी। धूप न मिलने से विटामिन डी की कमी हो जाती है और धूप की कमी से हमारा बायोलॉजिकल क्लॉक प्रभावित होता है। इससे हमारे शरीर में हार्मोन असंतुलित हो जाता है। शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन बढ़ने लगता है, जिससे हमें हर वक्त सुस्ती सी महसूस होती है। मेलाटोनिन हार्मोन नींद के लिए एक जरूरी हार्मोन है, जिसके बढ़ने से नींद, थकान और आलस महसूस होता है।

सर्दियों में ऐसे दूर करें आलस
गुनगुना पानी पीकर खुद को हमेशा हाइड्रेटेड रखें। साथ ही नारियल पानी, सूप और जूस भी पीते रहें। कम ही सही पर धूप जरूर लें, जिससे आप एनर्जेटिक महसूस करेंगे।
अपनी डाइट प्लान को बेहतर बनाएं। हरी पत्तेदार सब्जियां और घर पर बना खाना ही खाएं। मैदे से बनी चीजों से परहेज करें।
त्रिफला चूर्ण को दूध में भीगी मुल्तानी मिट्टी और शहद में मिलाकर अपने चेहरे को स्क्रब करें। इससे आपके चेहरे की स्किन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और फ्रेशनेस महसूस होती है।
दोपहर और रात में खाना खाने के बाद आधा छोटा चम्मच त्रिफला चूर्ण जरूर खाएं। इससे पाचन तंत्र ठीक रहता है और सुस्ती नहीं आती है।
इस मौसम में भारी खाना खाने से बचना चाहिए। गेंहू का आटा, चावल और बाजरे का आटा कम खाना चाहिए और साग सब्जी भरपूर मात्रा में खाएं।
सर्दियों में मीठा खाने से परहेज करना चाहिए। चाय कॉफी कम पीना चाहिए। इनकी जगह हर्बल टी, सूप या छाछ पीना बेहतर विकल्प होगा।

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