निन्दूरा ब्लाक प्रमुख के विरुद्ध क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने खोला मोर्चा

जिलाधिकारी कार्यालय का किया घेराव, करी षिकायत
मामला ब्लाक प्रमुख और खण्ड विकास अधिकारी की मनमानी का

बाराबंकी। विकास खण्ड निन्दूरा के ब्लाक प्रमुख की मनमानी के विरुद्ध 83 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को सभी सदस्यों ने बीडीसी मनोज कुमार की अगुवाई में डीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्षन किया और एक ज्ञापन भी डीएम को सौंपा। ज्ञापन में प्रमुख के विरुद्ध विकास कार्यों के नाम में जमकर घोटाला बिना कोरम पूरा किये ही करोड़ो रुपये की निविदाएं प्रकाषन करवाने के साथ साथ उनके विरुद्ध अविष्वास प्रस्ताव लाने की बात कही। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को पूरे मामले की टीम गठित करके जांच के निर्देष दिए हैं। जानकारी के अनुसार रामू गुप्ता ने सपा के समर्थन से ब्लाक प्रमुख पद पर चुनाव जीता था। जिसमें उनको 113 क्षेत्र पंचायत सदस्यों में से आधे से ज्यादा मत प्राप्त हुए थे।

ब्लाक प्रमुख की कुर्सी सम्भालने के बाद से ही उनकी मनमानी शुरु हो गयी। जिन क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने उनके चुनाव के दौरान उनका खुलकर साथ दिया था उनकी जमकर अनदेखी शुरु हो गयी। हालात यह हो गये कि क्षेत्र पंचायत सदस्यों को दरकिनार करके ब्लाक प्रमुख रामू गुप्ता ने अपने चहेते ठेकेदारों के माध्यम से क्षेत्र पंचायत निधि से विकास कार्य करवाने लगे। उन्होने किसी भी क्षेत्र पंचायत सदस्य को यह बताना जरुरी नही समझा कि आपके इलाके में कोई काम करवाया जा रहा है। हालात यह हुआ कि ठेकेदारों की मनमानी के कारण गांवो में विकास के नाम पर जमकर गड़बड़झाला हुआ। यहां तक की क्षेत्र पंचायत निधि से चाहे नाला निर्माण कराया गया हो या इण्टरलॉकिंग कार्य हुआ हो सब में भ्रष्टाचार की बू आने लगी है।

ब्लाक प्रमुख की मनमानी के कारण ही आक्रोषित क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने एक मंच पर आ करके ब्लाक प्रमुख का खुला विरोध शुरु कर दिया। बीती 8 फरवरी को निन्दूरा विकास खण्ड के 84 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने बीडीसी मनोज कुमार की अगुवाई में जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें यह आरोप लगाया गया कि हम लोग ब्लाक प्रमुख के विरुद्ध अविष्वास प्रस्ताव लेकर आये हैं कृपया उनके विरुद्ध पुनः मतदान हो। बीती 8 फरवरी को षिकायत पत्र मिलने के बाद में ही जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने कोई ठोस कदम नही उठाया। बीती 4 मार्च को जिलाधिकारी ने उक्त षिकायती पत्र को यह कहकर खारिज कर दिया कि षिकायती पत्र में प्रपत्र-1 नही लगा हुआ है साथ ही में जो लोग प्रार्थना पत्र लेकर आये हुए हैं उनके न तो हस्ताक्षर हैं और न ही वह लोग स्वयं उपस्थित हुए हैं।

जिलाधिकारी द्वारा जब प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया तो मनोज कुमार ने उसी प्रार्थना पत्र के जरिये हाईकोर्ट का रास्ता पकड़ा। उन्होने हाईकोर्ट अधिवक्ता एचएस तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट के सामने अपनी बात रखी। हाईकोर्ट ने बीती 7 मार्च को जिलाधिकारी को यह निर्देष दिया कि प्रपत्र 15/2 सेक्सन के तहत त्वरित कार्यवाही की जाये। उसी आदेष के बाद सोमवार को पुनः मनोज कुमार अपने साथ में क्षेत्र पंचायत सदस्य आनन्द कुमार, राजकुमार, संगीता, षिवविषाल, जसकरन, हीरालाल, सुरेषचंद्र आदि लोगों सहित 83 क्षेत्र पंचायत सदस्यों को साथ में लेकर जिलाधिकारी कार्यालय जा धमके। सभी क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने षिकायती पत्र के साथ अपने अपने शपथ पत्र भी लगा रखे थे। जिलाधिकारी ने उक्त षिकायती पत्र को गम्भीरता से लेते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को पूरे मामले को गम्भीरता से निपटाने की बात कही। इस बारे में आक्रोषित क्षेत्र पंचायत सदस्यों का कहना था कि अगर जिलाधिकारी ने हम लोगों के साथ न्याय नही किया तो सभी क्षेत्र पंचायत सदस्य सामूहिक रुप से अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे।

इनका यह भी कहना था कि ब्लाक प्रमुख रामू गुप्ता व खण्ड विकास अधिकारी निन्दूरा की मनमानी के कारण ही बिना कोरम पूरा किये ही कागजों पर ही बैठक दिखा करके ही क्षेत्र पंचायत निधि से लगभग 3 करोड़ की निविदाओं का प्रकाषन भी मनमाने ढंग से कराया गया है जबकि नियम यह है कि बैठक के बाद ही क्षेत्र पंचायत सदस्यों का प्रस्ताव लिया जाता है और उन्ही प्रस्ताव के माध्यम से विकास कार्यों को चिन्हित करके निविदाएं का प्रकाषन करवाया जाता है। कुल मिलाकर ब्लाक प्रमुख रामू गुप्ता के विरुद्ध क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने जो मोर्चाबंदी की है वह कहां तक सफल होगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा जिला पंचायत राज अधिकारी कब तक क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा की गयी षिकायतों का निस्तारण करते हैं। कुल मिलाकर आगामी दो माह बाद लोकसभा चुनाव होना है अगर अधिकारियों ने ब्लाक प्रमुख का पक्ष लिया तो सत्तापक्ष के प्रत्याषी को क्षेत्र पंचायत सदस्यों का कोप भोगना पड़ सकता है।

Related Articles

Back to top button