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नई दिल्ली। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लैंगिक असमानता को दूर करते हुए ऐतिहासिक कदम उठाया है। बीआरओ के इतिहास में पहली बार संगठन की महिला अफसरों को कमांड पदों पर नियुक्त किया गया है। 8 मार्च, 2021 को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए महानिदेशक सीमा सड़क (डीजीबीआर) ने कहा कि महिला अधिकारियों को अब अग्रिम मोर्चों पर ले जाया जाएगा।
प्रथम महिला अफसर वैशाली एस.हिवासे को अग्रणी पद सड़क निर्माण कंपनी (आरसीसी) में बतौर आफिसर कमांडिंग (ओसी) नियुक्त किया गया है। बीआरओ इस चुनौतीपूर्ण मार्ग का निर्माण उत्तराखंड में मुंशियारी से मिलाम ग्लेशियर तक कर रही है। इसमें सफलता के बाद ओबिन ताकी को आरसीसी में कमान सौंपी गई जो अरुणाचल प्रदेश में दुर्गम सियांग घाटी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वहीं, मेजर आइना राणा को चमोली स्थित पिपलकोटी में पूर्णत: महिला आरसीसी का नेतृत्व सौंपा गया। देश के दूसरे सबसे ऊंचे दर्रे माना पास की सड़क का विकास भी आरसीसी देख रहा है। 22 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी माना गांव आए थे, और माना पास तक की महत्वपूर्ण सामरिक सड़क के चौड़ीकरण की परियोजना का शिलान्यास किया था।
कर्नल नवनीत दुग्गल कश्मीर में पहली ईएमई अफसर बनीं। ले.कर्नल स्निग्धा शर्मा ने बीआरओ की लीगल सेल का नेतृत्व करके इतिहास रचा। फरवरी, 2023 में कर्नल अर्चना सूद ने अरुणाचल प्रदेश के जीरो में टास्क फोर्स की कमान संभाली।