गोंडा। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की ओर से चयनित 14 आयुर्वेद चिकित्साधिकारी मंडल में परंपरागत चिकित्सा को रफ्तार देंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रविवार को मंडल में नवनियुक्त आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नवनियुक्त चिकित्साधिकारियों को नियुक्ति पत्र जारी किया। वहीं एनआईसी में कमिश्नर योगेश्वरराम मिश्र, कलेक्टर नेहा शर्मा व जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम मिश्र ने संयुक्त रूप से नवनियुक्त चिकित्साधिकारियों को नियुक्तिपत्र प्रदान किए।
इस दौरान दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. विमल कुमार के अलावा डॉ. संजय तिवारी, डॉ. प्रतीक्षा पांडेय, डॉ. धमेंद्र वर्मा, डॉ. विनय तिवारी, डॉ. दीपिका गुप्ता, डॉ. प्रगति पांडेय, डॉ. कीर्ति श्रीवास्तव, डॉ. श्रुति रस्तोगी, डॉ. शिल्पी सिंह चौहान, डॉ. प्रभाकर पांडेय, डॉ. हरीकांत तिवारी, डॉ. पवन कुमार व डॉ. शिवानी तिवारी को नियुक्ति पत्र दिया गया। नवचयनित डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
मंडलायुक्त योगेश्वरराम मिश्र ने कहा कि परंपरागत चिकित्सा पद्धति को प्रेरित करने का सर्वोत्तम माध्यम आयुर्वेद चिकित्सा है। आयुर्वेद चिकित्सा का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होता। योग और आयुर्वेद के माध्यम से लंबे समय तक स्वस्थ रहा जा सकता है। डीएम ने कहा कि नव चयनित चिकित्सक अपने क्षेत्र में लोगों को औषधीय गुणों वाले पौधों की खेती को प्रोत्साहित करें।
इस दौरान क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. अरुण कुमार कुरील, नोडल अधिकारी डॉ. आरबी यादव, डॉ. दिग्विजय नाथ, डॉ. रंजन श्रीवास्तव, आदर्श मिश्र, सुधांशु द्विवेदी, मनीष, अखिलेश, ओपी पांडेय आदि रहे।