फलपट्टी क्षेत्र में संचालित अवैध फैक्ट्रियों व ईंट भट्ठों पर कार्रवाई न कर सरकार की छवि धूमिल कर रहे अधिकारी

  • लगातार शिकायतों के बाद भी अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई,सरकार के प्रति किसानों में रोष
  • फलपट्टी क्षेत्र में संचालित हो रहे ईंट भट्ठों एवं फैक्ट्रियों से घट गया आम व अमरूद का उत्पादन

लखनऊ- सूबे में अपराध ,भ्रष्टाचार ,महिला सुरक्षा सहित अन्य मुद्दों से आजीज आकर जनता ने बीजेपी को समर्थन देकर योगी आदित्यनाथ की दो बार सरकार बनाई। सरकार ने काफ़ी हद तक पारदर्शी व साफ सुथरी छवि की सरकार भी चलाई परंतु योगी 02 की सरकार में मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है। कारण है उनके मातहत अधिकारी जिनके कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है। मामला है बख्शी का तालाब फलपट्टी क्षेत्र का जहां मनकों को दरकिनार कर ईंट भट्ठों एवं फैक्ट्रियों का खुलेआम संचालन किया जा रहा है।जिससे फलपट्टी क्षेत्र की हरियाली पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई शिकायतों का अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा उक्त मामले में संज्ञान नहीं लिया गया है।वहीं जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अधिकारी कार्रवाई करने की बजाय एक दूसरे को जिम्मेदार बताकर इतिश्री कर रहें हैं।जबकि बीकेटी के 82 गांवों को वर्ष 1997 में फलपट्टी क्षेत्र घोषित कर अधिसूचना जारी कर यहां आवासीय योजनाएं व हानिकारक अधिष्ठानों को प्रतिबंधित किया गया था।लेकिन आज तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा शिकायतों के बाद भी फलपट्टी की अधिसूचना का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करवाया गया।

बता दें कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए शासन धरा पर हरियाली आने के साथ अन्य उपाय भी किए जा रहे है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से पेड़ पौधों को ग्रहण लग रहा है। फल पट्टी क्षेत्र बीकेटी में अवैध तरीके से डेढ़ दर्जन से अधिक ईंट भट्ठों एवं दर्जन भर से अधिक फैक्ट्रियों का संचालन किया जा रहा है। संचालित हो रहे ईंट भट्ठों एवं फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं से आम व अमरूद के पेड़ों को नुकसान पहुंच रहा है। पिछले पांच वर्ष से फल उत्पादन काफी कम हो गया है। इसकी वजह से बागवानी करने वाले लोग काफी परेशान हैं।विकास खंड बीकेटी क्षेत्र में आम व अमरूद के बाग अधिक हैं। इसके मद्देनजर विकास खंड क्षेत्र के 82 गांवों को सरकार ने वर्ष 1997 में फलपट्टी क्षेत्र घोषित किया। यहां के आम की मिठास दिल्ली, प्रयागराज, लखनऊ, बनारस आदि स्थानों सहित विदेशों तक पहुंचती थी।लेकिन शासनादेश को दर किनार कर फलपट्टी क्षेत्र में ईंट भट्ठों एवं फैक्ट्रियों का संचालन किया जा रहा है। फलपट्टी क्षेत्र में संचालित हो रहे ईंट भट्ठों एवं फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए क्षेत्रीय लोगों ने आवाज उठाई थी, लेकिन शासनादेश को दर किनार कर पिछले 27 वर्ष से ईंट भट्टों का संचालन किया जा रहा है। ईंट भट्ठों एवं फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं से आम,अमरूद की बागों को काफी नुकसान हुआ है।जिलाध्यक्ष विहिप अधिवक्ता राम प्रकाश सिंह, रामदेव तिवारी, हीरालाल आदि का कहना है कि ईंट भट्ठों एवं फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं से आम व अमरूद की बागवानी का क्षेत्र फल काफी कम हो गया है। शिकायत के बाद भी अफसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अब देखना है कि जिला प्रशासन के संरक्षण में फलपट्टी क्षेत्र में संचालित ईंट भट्ठों एवं फैक्ट्रियों पर बन्दी का ताला लटकता है या पूर्व की तरह ही निर्बाध रूप से यह हानिकारक अधिष्ठान संचालित होते रहते है, भविष्य के गर्त में है।   

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