बोतल खोलकर ठेकों पर बिक रही देसी शराब हो सकती है जानलेवा,आबकारी विभाग ने साधी चुप्पी!

  • एमआरपी रेट से ज्यादा में बिक रही देसी शराब, आबकारी अधिकारियों ने मूंदी आंखे
  • आबकारी अधिकारी कई बार आ चुके है सवालों के घेरे में, लेकिन सुधार करने को तैयार नहीं
  • न अवैध शराब को रोक पाए, न ही मनमानी वसूली पर कसी लगाम
  • कार्रवाई तो दूर, नैतिक जिम्मेदारियां भी नहीं निभा रहा आबकारी विभाग राम मोहन गुप्ता

बीकेटी,लखनऊ -अवैध शराब और मनमानी वसूली पर रोक लगाने के लिए कई बार मुद्दे उठ चुके हैं, लेकिन आबकारी अधिकारी सुध ही नहीं लेते हैं। यही कारण है कि राजधानी के ग्रामीण व शहर में धड़ल्ले से अवैध शराब का कारोबार पनप रहा है, और वैध रूप से खुल रही देसी शराब की दुकानों पर मनमानी वसूली और खुलेआम बोतल की सील तोड़कर शराब की अवैध बिक्री हो रही है। मामला सामने आने पर क्षेत्र के बीकेटी, इटौंजा, माल सहित कई थानाक्षेत्रों में पड़ताल की गयी तो पता चला कि अधिकतर शराब की दुकानों पर रेट लिस्ट ही नहीं लगी है, जिसके चलते शराब दुकान के कर्ताधर्ता मनमाने रुपए वसूल रहे हैं।और बोतल की सील तोड़कर शराब की अवैध रूप से शराब की बिक्री हो रही है।जो लोगों के लिए कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है।पड़ताल में यह भी सामने आया कि देसी शराब की एक भी दुकान पर रेट लिस्ट नहीं लगाई गई है। जब दुकान कर्मचारियों से पूछा कि रेट लिस्ट दिखाओ तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि जब आबकारी अधिकारी हमसे रेट लिस्ट के बारे में नहीं पूछते हैं, तो फिर हम इस नियम का पालन क्यों करें।शासन और प्रशासन की मिलीभगत होने के कारण ही अवैध शराब की बिक्री हो रही है। यही वजह है कि शराब का अवैध निर्माण भी नहीं रुक रहा। अवैध रूप से बनने वाली शराब की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं होता। ऐसी शराब पीने से लोग मर भी जाते हैं। इसके बावजूद भी शराब माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती।

मालूम हो कि अधिक धन कमाने की चाहत में शिकायतों के बाद भी आबकारी निरीक्षक इन मौत के सौदागरों के खिलाफ भी दिखावे की कार्रवाई करते हैं, जबकि पुलिस बड़े-बड़े मामले पकड़ लेती है। बताया जा रहा है,कि आबकारी विभाग कार्रवाई करने के बजाय इनसे अवैध वसूली करने में जुटा हुआ है, जिसके चलते अवैध शराब कारोबारियों के हौंसले बुलंद होने लगे हैं।वहीं आबकारी अधिकारी स्टाफ की कमी का बहाना बनाकर दफ्तरों में ही डटे रहते हैं। बताते हैं कि गिनी-चुनी शिकायतों पर ही आबकारी विभाग के अधिकारी मौके पर जाते हैं, और नाममात्र की कार्रवाई कर लौट आते हैं।अवैध शराब पर लगाम लगाना भी आबकारी विभाग के अधिकारियों की प्राथमिकता है, लेकिन उन्होंने यह काम पुलिस विभाग पर छोड़ दिया है।जिस तरह पुलिस गश्त करती है, उसी तरह आबकारी अधिकारियों का काम है, कि वे हर शराब की दुकान पर जाकर देखे कि नियमों की पालन हो रहा है या नहीं, लेकिन यहां के अधिकारी निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए इस काम से भी बचने की कोशिश कर हैं। आबकारी अधिकारी अपनी नैतिक जिम्मेदारियां भी नहीं निभा रहे हैं।जिससे अब आमजन में धारणा बना चुकी है, कि आबकारी विभाग अवैध कमाई का अड्डा है, लेकिन यहां के अधिकारी इस धारणा को तोड़ने का प्रयास भी नहीं करते हैं, जिससे वे हमेशा शक के दायरे में रहते हैं। इटौंजा के अमानीगंज, महोना, कुम्हरावां व बीकेटी थानाक्षेत्र के कठवारा, पर्वतपुर,बीकेटी कस्बा, अस्ती रोड, करौंदी, मरपा, महिगवां अर्जुनपुर,भौली ,बाहरगांव, महिगवां, मानपुर, 15 नंबर ट्यूबेल, गोहना खुर्द, अमानीगंज, महोना,उसना, भीखापुरवा ,सहित अधिकांश देसी शराब की दुकानों पर शराब की बोतल खोलकर शराब बेची जा रही है।जबकि बोतल को खोलकर शराब बेचने की इजाजत किसी भी दुकानदार को नहीं है, लेकिन यहां बोतल खोलकर शराब बेचने का कारण सिर्फ यह है, कि 80 रुपये की बोतल पर दस रुपये अधिक की कमाई होना। जब दुकानदार से पूछा कि रेट लिस्ट कहा है, तो उनका कहना था कि हमने आज तक रेट लिस्ट नहीं लगाई है। अधिकतर ग्राहकों को शराब के रेट पता होते हैं, और जिन्हें नहीं पता होते हैं उन्हें हम बता देते हैं। जब दुकान के कर्मचारियों से पूछा कि आप लोग एमआरपी से ज्यादा रेट में शराब बेच रहे हैं, तो उन्होंने चुप्पी साध ली। यहीं हाल इटौंजा,बीकेटी, माल,मलिहाबाद, काकोरी, निगोहां, नगराम, गोसाईगंज सहित समूचे जिले की देसी शराब दुकानों का है। जब इस संबंध में क्षेत्रके इंस्पेक्टर से जानकारी की गई तो उन्होंने फोन उठाने की जरूरत नहीं समझा

जिम्मेदार बोले

किसी भी दुकान पर बोतल की सील तोड़कर शराब की बिक्री नहीं की जा सकती है।अगर ऐसा दुकानदारों द्वारा किया जा रहा है।तो वह पूर्णतया अवैध है।रही बात रेट लिस्ट की तो सभी दुकानों पर शराब का एक रेट है।मामले की जांच करवाकर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
       राकेश सिंह
जिला आबकारी अधिकारी
         लखनऊ

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