अमित शाह ने तुअर दाल उत्पादक किसानों के लिए किया पोर्टल का लोकार्पण

नई दिल्ली। किसानों को दाल बेचने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। केंद्र सरकार उपजने से पहले ही दाल की खरीदारी कर लेगी। कृषि क्षेत्र में गुरुवार को बड़े परिवर्तन की शुरुआत करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तुअर दाल उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान के लिए नेफेड एवं एनसीसीएफ द्वारा विकसित पोर्टल का लोकार्पण किया। उन्होंने वादा किया कि उत्पादन से पहले ही इस पोर्टल पर रजिस्टर करने वाले किसानों की दलहन का मूल्य उनके खाते में सीधा पहुंचेगा। यह पीएम मोदी की गारंटी है।

दलहन में आत्मनिर्भरता पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार समेत कई राज्यों के किसान दाल की खेती के लिए भूमि के आकार का रजिस्ट्रेशन कराकर निश्चिंत हो सकते हैं कि उनकी उपज एमएसपी पर खरीदी जाएगी।

दलहन एमएसपी पर शत-प्रतिशत खरीद ली जाएगी
निबंधित किसानों की दलहन एमएसपी पर शत-प्रतिशत खरीद ली जाएगी। फसल आने पर दाम एमएसपी से ज्यादा होगा तो औसत निकालकर ज्यादा मूल्य पर भी खरीदने का फार्मूला बनाया गया है। इससे किसानों के साथ अन्याय नहीं होगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि एमएसपी की गारंटी तो रहेगी ही, किंतु बाजार में अगर ज्यादा दाम मिलता है तो किसान वहां भी बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे।

अमित शाह ने दाल को पोषण का आधार बताया
अमित शाह ने कहा कि हमने मूंग और चने में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है कि 2027 तक भारत दलहन में भी आत्मनिर्भर बन जाए। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे पहले ही यह उपलब्धि प्राप्त कर लेंगे, ताकि एक किलो दाल भी आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी। अमित शाह ने दाल को पोषण का आधार बताया और कहा कि देश का बड़ा हिस्सा शाकाहारी है। उनके लिए प्रोटीन का एकमात्र स्त्रोत दलहन है। प्रयोगों से सिद्ध हुआ है कि दाल की खेती से प्रति हेक्टेयर 30-40 किलो नाइट्रोजन मिल जाता है। पानी की जरूरत कम पड़ती है और उर्वरता भी बढ़ती है। यह फसल एक तरह से खेत में ही फर्टिलाइजर का लघु कारखाना लगा देती है।

मूंग और चने में हो चुके हैं आत्मनिर्भर
अमित शाह ने कहा कि “सहकार से समृद्धि” का अर्थ “सहकार से किसानों की समृद्धि” है। दस वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमसएसपी) में जितनी वृद्धि मोदी सरकार ने की, उतना किसी ने नहीं किया। मूंग और चने में आत्मनिर्भर हो चुके हैं। अब अन्य दलहन में भी आत्मनिर्भर बनना है। इससे पोषण अभियान के साथ क्राप पैटर्न, भूमि सुधार एवं जल संरक्षण को मजबूती मिलेगी। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, बीएल वर्मा भी मौजूद थे।

पेट्रोल के कुएं की तरह हो जाएंगे मक्के के खेत
मक्का किसानों को प्रोत्साहित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मक्के के खेत पेट्रोल के कुएं के समान होने वाले हैं। प्रधानमंत्री ने पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनाल मिलाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए लाखों टन एथेनाल की जरूरत होगी। नाफेड एवं एनसीसीएफ इसी पैटर्न पर मक्के का भी रजिस्ट्रेशन चालू करने वाले हैं। किसानों का एथेनाल बनाने वाली फैक्टि्रयों के साथ एमएसपी पर मक्का बिक्री के लिए सीधा करार करा दिया जाएगा। इससे उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा।

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