बाराबंकी। इमरजेंसी मरीज को घर से सरकारी अस्पताल तक पहुंचाने के लिए चलाई जा रही 108 102 एम्बुलेंस की महत्वपूर्ण सेवाओं में भी कार्यदायी संस्था मनमानी कर रही है। जिस के चलते समय से मरीज के पास जिले में एंबुलेंस नहीं पहुंच रही है। जिसकी शिकायत खुद एंबुलेंस चालकों ने जिलाधिकारी से शनिवार को की है।
जिले में जीवनदायिनी स्वास्थ्य 108 व 102 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के जिला पदाधिकारियों में शामिल चालक योगेश लोधी,सुरेंद्र बहादुर,सुनील वर्मा, आनंद मिश्र,रंजीत वर्मा,उदयभान सहित अन्य कर्मचारियों ने शिकायत की है। जिले में 108 102 एम्बुलेंस के संचालन की जिम्मेदारी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विस के द्वारा दी जा रही है। लेकिन कंपनी द्वारा फर्जी मरीज का डाटा दिखाकर सरकार से मोटी रकम हर महीने ली जा रही है। जबकि जो एम्बुलेंस कर्मी ऐसा नही करते हैं। उनको झूठा आरोप लगा कर निकाल दिया जाता है। जबकि एंबुलेंस में जरूरी सुविधाएं तक नदारत रहती हैं। एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवाएं भी सही से उपलब्ध नहीं रहती हैं। वहीं फर्जी मरीजों को अस्पताल में पहुंचने को लेकर सही मरीजों तक समय से एंबुलेंस नहीं पहुंच रही है। जिससे मरीजों की जान भी जोखिम में पड़ जाती है। एंबुलेंस चालक संगठन के पदाधिकारी ने जिला अधिकारी सत्येंद्र कुमार से मांग की है की एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी की निष्पक्ष जांच करा कर कड़ी कार्रवाई की जाए। एम्बुलेंस चालक के नाम पर 25 हज़ार रुपये व मेडिकल टेक्नीशियन के नाम पर 45 हज़ार रुपये प्रतिमा सरकार एम्बुलेंस प्रदाता संस्था को देती है। लेकिन संस्था द्वारा काफी कम रुपये देकर 24 घंटे एम्बुलेंस कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। जिससे एंबुलेंस चालक व मेडिकल टेक्नीशियन के परिवार का जीवन यापन भी नहीं हो पा रहा है।