अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे पता चला है कि मेरे लिए 22 जनवरी का निमंत्रण कूरियर के माध्यम से भेजा गया, लेकिन यह कूरियर मुझे आज तक प्राप्त नहीं हुआ है। मीडिया के लोग ही मुझे भेजे गए कूरियर की रसीद उपलब्ध करवा दें। उन्होंने कहा की अयोध्या मंदिर में दिव्यांगों, बुजुर्गों और बच्चों को जाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि दुनिया में सभी जगह हर ढांचे को बनाने में इस बात का विशेष ख्याल रखा जाता है।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि जिस तरह से निमंत्रण की खबर चलाई जा रही है, उससे मुझे अपमानित किया जा रहा है ठीक उसी तरह से जैसे मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धोकर अपमानित किया गया था। भगवान श्री राम के नाम पर हम अपमानित न करें। मुझे कोई निमंत्रण नही मिला। कोई कूरियर भी नहीं आया। न घर पर न ऑफिस में।