लखनऊ। लखनऊ के अकबर नगर जैसा ही अबरार नगर में अवैध निर्माण है। कुकरैल नदी की जमीन पर कहीं प्लाटिंग की गयी है तो सैकड़ों मकान भी बनाये गये हैं। हाल यह है कि दूसरे स्थानों से आये लोगों को झोपड़ी में बसाकर उनसे किराया तक वसूला जा रहा है।
कुकरैल नदी जिसे आजकल कुकरैल नाला कहा जाता है, उसके बांयी ओर अबरार नगर बसा हुआ है। वहीं दांयी ओर कुकरैल का जंगल है। खुर्रम नगर पुलिस चौकी से कुकरैल जंगल की ओर बढ़ने पर नदी किनारे अबरार नगर दिखायी पड़ता है। यह अबरार नगर अस्सी से नब्बे के दशक में बसता चला गया। आज इसकी सूरत ऐसी है, जैसे भूलभुलैया में चले गये है। जिसे जहां जमीन मिली, वहीं बेची और लोगों ने खरीदी। बेचने वाले भूल गये कि कुकरैल नदी की जमीन बेची जा रही है।
अबरार नगर के रहने वाले मोहम्मद सैफुद्दीन ने कहा कि अकबर नगर के टूटने के बाद अबरार नगर को गिराने की रोजाना खबरें छप रही है। जिससे बड़ा डर लगता है। कही उनके मकान चिन्हित ना हो जाये और कल उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान लेकर रहना पड़े।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वह अपने परिवार में अकेले कमाने वाले है। ऐसे में मकान भी हाथ से चला जायेगा तो उनका पूरा परिवार कैसे और किस हाल में रहेगा। सरकार बतायें वह क्या करें। उनके परिवार में दस सदस्य है। जो मकान मिलेगा भी तो आधे लोग भी वहां नहीं रह पायेंगे। सरकार उन्हें और उनके लोगों को सहूलियत दे और कोई कार्रवाई ना करे। तभी एक बार फिर से यह सरकार आयेगी, नहीं तो ऊपर वाला ही मालिक है।
कुकरैल नदी की जमीन पर बसाये गये झोपड़ी में रहने वाली गोरखपुर जनपद की निवासी कलौता ने हिन्दुस्थान समाचार से बताया कि आज दो दिन से यहां सरकारी अधिकारी दौड़ लगा रहे है। उनके मंसूबे तो हम लोगों पता ही है, लेकिन झोपड़ पट्टी वाला यह क्षेत्र कुकरैल नाला अर्थात कुकरैल नदी से सौ मीटर की दूरी पर है। वह यहां अपने परिवार के साथ रहती है। फल बेचकर गुजारा करती है।
उन्होंने बताया कि सरकार नदी की जमीन खाली कराये, ये अच्छी बात है। गरीब को ना उजाड़े। जो लोग नदी की जमीन पर कब्जा किये हुए हैं, उन्हें तो जरुर ही उजाड़ देना चाहिए। गलत काम का गलत नतीजा होता है। फिर जिसके नाम से बैनामा होगा, उसे सरकार मुआवजा देगी। जो मकान जमीन के कागज नहीं है तो वहां अवैध कब्जा ही तो कहा जायेगा।
अबरार नगर की सीमा पर कुकरैल पुल के नीचे अवैध प्लाटिंग की गयी थी, जिसे एलडीए ने रुकवाया था। अवैध प्लाटिंग कर जमीनों को बेचा जा रहा था। उस वक्त कुछ एक लोगों ने जमीन खरीदी भी थी, जिसमें बिल्डर को दी हुई धनराशि बाद में फंस गयी थी। आज भी प्लाटिंग वाली तस्वीर जस की तस है।
कुकरैल नदी की जमीन को खाली कराने की मुहिम में एलडीए जुटी है। आने वाले दिनों में अबरार नगर और रहीम नगर में सर्वे कर नदी की जमीन से जुड़ी जानकारी जुटायी जा रही है। एलडीए के कर्मचारियों ने अकबर नगर के बाद अबरार नगर में पांव रख दिया है। इससे बाद अबरार नगर के उन लोगों के मन में दहशत है, जिन्हें नदी पर कब्जे की जानकारी है।