दस महीने बीत जाने के बाद भी शर्मावती के हत्यारो को नहीं पकड़ पाई मोतीगंज पुलिस,

मोतीगंज में महिला शर्मा वती की हत्या का नहीं हुआ खुलासा दस महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली, मोतीगंज पुलिस न तो शर्मावती के हत्यारे को ढूंढ पाई और ना शर्मावती के पति को…

गोंडा: मोतीगंज थाना क्षेत्र में 13 सितंबर 2023 को एक 40 वर्षीय महिला घास काटने के लिए निकली थी।लेकिन महिला की गन्ने के खेत में बेरहमी से अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी।इस हत्याकांड को दस महीने बीत बीत चुके हैं, लेकिन मोतीगंज पुलिस अभी हत्यारों के बारे में सुराग नहीं लगा पाई है।पुलिस ने इस हत्याकांड के खुलासे के लिए तीन टीमों को लगाया गया था।कि महिला की हत्या का खुलासा किया जा सके।वही मृतका के पुत्र ने गांव के ही तीन लोगों के खिलाफ शक के आधार पर तहरीर दी थीं जिस पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था लेकिन वारदात के दिन से ही पति का गायब होना कई सवाल पैदा कर रहा है मोतीगंज थाना क्षेत्र के गरिबाजोत (कपिसा) निवासी विशाल पुत्र बलिराम वर्मा ने थाने पर तहरीर जिसमें कहा कि उसकी मां शर्मावती (40 वर्ष ) पत्नी बलिराम वर्मा 13 सितंबर 2023 की सुबह करीब बजे अपने गन्ने के खेत में घास काटने गयी थी।खेत से वापस न आने पर वह अपने छोटे भाई विकास व बहन सुमन के साथ ढूंढने निकला।तीनों जब अपनी मां को ढूंढते हुए अपराह्न करीब चार बजे अपने गन्ने के खेत में पहुंचे तो वहां पर उनकी मां का लहूलुहान शव गन्ने के खेत में पत्ती व घास से ढका पड़ा हुआ था।इस हत्याकांड को बदमाशों ने तब अंजाम दिया था जब महिला गांव से थोड़ी दूर पर ही गन्ने के खेत पशुओं के लिए चारा काटने के लिए गई थी।इस हत्याकांड को दस महीने बीत चुके लेकिन मोतीगंज पुलिस अभी तक इस हत्याकांड का खुलासा करने में नाकाम रही है।और ना ही शर्मावती के पति को ढूंढ पाई जिससे कि मोतीगंज पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

शर्मावती हत्याकांड के खुलासा के बजाय ठंडे बस्ते में

शर्मावती हत्याकांड सुलझने के बजाय अब ठंडे बस्ते में जा रहा है।वही पुलिस जहां मृतका के पुत्र द्वारा दी गई तहरीर में शक के आधार पर नामजद किए गए तीन लोगों की कुंडली खंगालने और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया था।लेकिन वही अब दस महीने बीत चुके शर्मावती हत्याकांड का खुलासा न होना सवालों के घेरे में मोतीगंज पुलिस है।वहीं मृतका के पति बलिराम का भी दस महीने से गायब होना भी संदेह के घेरे में हैं।
वही जब शर्मावती की हत्या हुई थीं तब नामजद किया लोगों को पुलिस ने उठाया था और पूछताछ करके छोड़ दिया था।वही जब शर्मावती की हत्या हुई थी दाह संस्कार में भी शर्मावती का पति बलिराम नहीं पहुंचा था।हालांकि
पत्नी की हत्या के दिन से ही पति का गायब दस महीने बीत गए कई सवालों को जन्म देता है।वही सवाल यह भी है कि बलिराम सकुशल है भी या नहीं यदि वह सुरक्षित है तो दस महीने बीत गए कहां है।आखिर पुलिस की टीमें उसे क्यों नहीं ढूंढ पाई हैं,बहरहाल,पुलिस के लिए बलिराम की गुमशुदगी की पहेली बनी हुई है।

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