मिचौंग चक्रवात के बाद अब बारिश ने मचाया तूफ़ान, इन जिलों में भरा पानी, तो इतनो की गई जान…

चेन्नई। तमिलनाडु में भारी बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है, कई जिलों में तो बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इस महीने की शुरुआत में आए चक्रवाती तूफान मिचोंग की वजह से तमिलनाडु के तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ था। अभी इस कष्ट से लोग बाहर भी निकल नहीं पाए हैं कि इसी बीच भारी बारिश ने सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारी बारिश के कारण तमिलनाडु के चार जिलों में 31 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने शुक्रवार को बताया कि केंद्र तमिलनाडु के लोगों की लगातार मदद कर रहा है। इस वित्तीय वर्ष में केंद्र ने राज्य को दो किस्तों में 900 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

सीतारमण ने कहा कि चेन्नई के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के पास तीन डॉप्लर सहित अत्याधुनिक उपकरण हैं। उसने 12 दिसंबर को ही पूर्वानुमान जताया था कि 17 दिसंबर को चार जिलों तेनकाशी, कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन में भारी बारिश होगी। उन्होंने कहा कि जब तमिलनाडु में इतनी बड़ी आपदा आ रही थी तब मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इंडिया गठबंधन के साथ दिल्ली में मौजूद थे।

पहाड़ों पर जमकर बरसात हो रही है
मालूम हो कि एक तरफ जहां दक्षिण के मौसम का ये हाल है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ों पर जमकर बरसात हो रही है, जिसकी वजह से उत्तर भारत में ठंड बढ़ गई है और कोहरे का असर दिख रहा है। आईएमडी ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि 25 दिसंबर से पहले यहां पर बारिश हो सकती है, जिसके कारण यहां पर लोगों को ठंड का सामना करना पड़ेगा और कोहरा छाएगा। मैदानी इलाकों में पारा पांच से सात डिग्री तक नीचे जा सकता है इसलिए अलर्ट जारी किया गया है।

एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि चक्रवात मिचौंग से प्रभावित क्षेत्रों में साधारण बीमा कंपनियों के दावों के त्वरित निपटान के लिए चेन्नई में एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि अत्यधिक बारिश और बाढ़ से प्रभावित तमिलनाडु के चार जिलों में भी इसी तरह के प्रयास किए जाएंगे।

मिचौंग चक्रवात के बाद चार जिलों तिरुनेलवेली, तूतुकुडी, कन्याकुमारी और तेनकाशी में अत्यधिक बारिश हुई जिससे इन इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने कहा कि इन जिलों में पानी कम होने के बाद बाढ़ के कारण होने वाले दावों के निपटान के लिए बीमा कंपनियों की ओर से विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।

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