जापान -हर देश चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारने की कोशिश में जुटा है। भारत का चंद्रमान-3 भी 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने का पहला प्रयास करेगा। इस बीच जापान ने भी चंद्रमा पर अपने लैंडर को भेजने का ऐलान किया है। जापानी एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने बताया कि 26 अगस्त को जापानी समयानुसार सुबह 9.24 बजे स्मार्ट लैंडर को भेजने की तैयारी कर रहा है।
बता दें कि, जापान मून लैंडर को एच-2 ए रॉकेट के जरिए लॉन्च करेगा। स्मार्ट लैंडर या SLIM अपने नाम की ही तरह छोटे पैमाने का मून मिशन है। लेकिन इसमें बड़ी महत्वकांक्षाएं जुड़ी हुई हैं। लैंडर का मुख्य उद्देश्य सटीक चंद्र लैंडिंग तकनीकों का प्रदर्शन करना है। जो ज्यादा चुनौतीपूर्ण लैंडिंग को और ज्यादा पहुंच योग्य बनाने में मदद करेगा। जापान का स्मार्ट लैंडर 7.9 फीट ऊंचा, 8.8 फीट चौड़ा और 5.6 फीट गहरा है।
एसएलआईएम का लक्ष्य अपने टारगेट प्वॉइंट के 328 फीट के भीतर छूने का होगा। ये अहम है क्योंकि, मिशन शिओली क्रेटर के भीतर लैंडिंग को टारगेट कर रहा है। ये चंद्रमा की सतह पर मारे नेक्टेरिस के भीतर एक ताजा 984 फुट चौथा खुला क्षेत्र है। ये चंद्रमा के 13 डिग्री दक्षिण अक्षांश और 25 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित है। इस साइट को जापा ने सेलेन ऑर्बिटर के अवलोकन डेटा की मदद से खोजा गया था। जिसे 2009 में लॉन्च किया गया था।
वहीं इस मामले पर जापानी एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी का कहना है कि भविष्य में सटीक लैंडिंग अहम हो जाएगी। जैसे-जैसे सौर मंडल के बारे में ज्ञान बढ़ता है हमारी समझ को आगे बढ़ाने के लिए विशिष्ट, ज्यादा दिलचस्प साइटों तक पहुंच और भी ज्यादा आवश्यक हो जाएगी।