आजमगढ़। ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं की दीवानी न्यायालय में महापंचायत हुई। इस दौरान प्रदेश के कई जनपदों से आए अधिवक्ताओं ने ग्रामीण न्यायालय के गठन पर विरोध जताया। महापंचायत में वकीलों ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने और आंदोलन को कई चरणों में जारी रखने का निर्णय लिया।
ग्रामीण न्यायालय के गठन विरोध में दीवानी कचहरी के अधिवक्ता एक फरवरी से लगातार हड़ताल पर हैं। मंगलवार को सुबह शासन विरोधी नारा लगाते हुए दीवानी न्यायालय परिसर में जुलूस निकाला। सर्वोच्च न्यायालय व हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने का सुझाव दिया। महापंचायत में यह भी प्रस्ताव किया गया कि प्रदेश के सभी जनपदों में न्यायिक अधिकारियों की भारी कमी है। जिसे तत्काल भरा जाए। ऐसी स्थिति में जब तक दीवानी कचहरी में सभी न्यायिक अधिकारियों के पदों को भरा नहीं जाता तब तक ग्रामीण न्यायालय में न्यायिक अधिकारी न भेजे जाए।
सरकार को चेताया कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगामी चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया जाएगा। यह निर्णय लिया गया कि ग्रामीण न्यायालय के विरोध में प्रदेश भर की अधिवक्ता संगठन प्रत्येक शनिवार को न्याय कार्य नहीं करेंगे। अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार पांडेय व संचालन मंत्री आनंद श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य हरिशंकर सिंह, विनोद कुमार पांडेय, पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह, शिव गोविंद यादव, दयाराम यादव, सूबेदार यादव, प्रभाकर सिंह, ओम प्रकाश मिश्रा, अरुण कुमार श्रीवास्तव आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।