जौनपुर। दीवानी न्यायालय की न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन की जंग का मोर्चा न्यायाधीशो के पक्ष में दीवानी का अधिवक्ता संघ ने संभाल लिया है। घटना के चौथे दिन मंगलवार 20 फरवरी 24 को दीवानी बार के अधिवक्ताओ ने पुलिस अधीक्षक के खिलाफ दीवानी न्यायालय में हड़ताल करते हुए न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर दिया है। हड़ताल के दौरान पुलिस अधीक्षक के खिलाफ अधिवक्ताओ ने जमकर नारे बाजी करते हुए न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा बहाल करने की मांग किया।
यहां बता दे कि 17 फरवरी 24 को जनपद गाजीपुर के कुख्यात एवं बड़े ठग उपेन्द्र राय को पुलिस ने अपर जिला जज चतुर्थ शरद त्रिपाठी की अदालत में पेशी पर लाया था। अभियुक्त का चार्ज बनना था लेकिन अभियुक्त के अधिवक्ता के एक प्रार्थना पत्र के कारण 27 फरवरी तरीख मुकर्रर कर दी गई थी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक जौनपुर डाॅ अजय पाल शर्मा कोर्ट के अन्दर पहुंच गए और अभियुक्त के खिलाफ चार्ज बनाने के लिए अपर जिला जज से कहा, न्यायाधीश ने चार्ज बनाने से इनकार करते पुलिस अधीक्षक को वापस लौटा दिया।
वापस लौटने के बाद पुलिस अधीक्षक ने दीवानी न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा में लगे पुलिस जनो को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया। जबकि जज और सभी मजिस्ट्रेट की सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मुहैया करायी गयी थी ताकि निर्भीक और निडर होकर न्यायिक अधिकारी अपराधी तत्वो के खिलाफ निर्णय दे सके। हाईकोर्ट के आदेशानुसार सुरक्षा कर्मियों 24सो घन्टे न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा करने का निर्देश था। लेकिन एसपी के एक आदेश से दीवानी न्यायालय के सभी न्यायिक अधिकारी 17 फरवरी 24 से सुरक्षा विहीन हो गए है।
इस मामले में न्यायपालिका के अधिकारी जिला जज ने उच्च न्यायालय हाईकोर्ट इलाहाबाद को घटना के बाबत पत्र भेजकर स्थित से अवगत करा दिया है। पूरे प्रकरण की खबर होने के बाद जौनपुर दीवानी अधिवक्ता संघ के लोग भी न्यायिक अधिकारियों के पक्ष में आते हुए अब हड़ताल करते हुए मोर्चा खोल दिए है। हड़ताल के दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे बाजी की गई और न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा बहाल करने की मांग की गई है। खबर है कि अधिवक्ता संघ सुरक्षा बहाली तक पुलिस प्रशासन से लड़ने का मन बना लिया है।अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने बैठक करते हुए निर्णय लिया कि संघ पुलिस अधीक्षक के स्थानांतरण की मांग शासन स्तर पर करे साथ ही साथ इस मुद्दे पर संघ के पदाधिकारी जिला जज से वार्ता करने के बाद अपनी आगे आन्दोलन की रणनीति तय करेंगे।
दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओ का मत है कि अपर जिला जज चतुर्थ शरद त्रिपाठी बेहद सज्जन और इमानदार न्यायधीश है। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में न्याय को प्रभावित करने का काम किया है। हलांकि पुलिस के अधिकारी पुलिस जनो की कमी को बताते वीआईपी ड्यूटी में ड्यूटी लगाने के लिए न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा में लगे पुलिस को हटाने की बात कह रहे है। जो भी हो अब इस मुद्दे पर न्यायिक अधिकारी एवं दीवानी अधिवक्ता संघ बनाम पुलिस प्रशासन की इस जंग में अन्तिम फैसला कब और कैसे होगा इस पर आम जनमानस की नजर है। अधिवक्ताओ को इसमें कूदने से न्यायिक कार्य प्रभावित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।