हाथरस । जिलाधिकारी अर्चना वर्मा द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में लू-प्रकोप से बचाव एवं राहत हेतु की जाने वाली तैयारियों तथा कार्ययोजना को मूर्त रूप दिये जाने के संबंध में अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 बसंत अग्रवाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक करते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए।
अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 ने हीट-वेव प्रबन्धन हेतु मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि पशु केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं का भण्डारण सुनिश्चित हो तथा पशु चिकित्सकों के माध्यम से पशु पालकों को पशुओं की सुरक्षा एवं लू से बचाव हेतु जागरूक करने के साथ ही गौशालाओं में संरक्षित गौवंश हेतु पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी, छाँव, चारा, टीकाकरण आदि की उपलब्यता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मवेशियों की सुरक्षा हेतु गर्मी के समय पशु प्रबंधन पर पशुधन के किसानों के बीच जागरूकता लाने के लिये ग्राम स्तर पर क्षेत्रीय कर्मचारियों और गौपालकों को सक्रिय करने तथा सार्वजनिक स्थानों पर बचाव के लिये प्रबंधन पर उपायों को पोस्टर के माध्यम से प्रकाशित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को समस्त शैक्षिक संस्थानों में छात्र/छात्राओं हेतु पेयजल तथा विद्यालयों में विद्युत सप्लाई व पंखे आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थलों, चौराहों व आवश्यकतानुसार सम्बन्धित ग्रामों में पानी की टंकी/टैंकरों आदि की व्यवस्था कराना सुनिश्चित के साथ ही ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों के माध्यम से तालाबों में पानी भरवाने के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायतों व पंचायतीराज विभाग को अपने-अपने क्षेत्र में खराब हैण्डपम्पों की तत्काल मरम्मत कराने के निर्देश दिए, साथ ही अग्निशमन विभाग को निर्देशित किया कि लू के मद्देनजर विभाग द्वारा मुख्यालय/तहसीलों में स्थापित उप केन्द्रों को आवश्यक संसाधनों सहित कियाशील रखा जाये एवं अग्नि से बचाव हेतु नागरिकों को जागरूक करे। विभिन्न क्षेत्रों में यदि आग लगने पर अग्निशमन के वाहन जाने लायक नहीं है तो वहां पर भी व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाये। उन्होने परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि बड़े बस स्टैण्डों टर्मिनलों पर प्राथमिक चिकित्सा, छाया एवं पेयजल की व्यवस्था, मैकेनिकल/इलेक्ट्रिक सिस्टम (पंखा/एसी) का प्राथमिकता के आधार पर रखरखाव की समुचित व्यवस्था की जाये। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग, ऊर्जा विभाग, वन विभाग, मनरेगा विभाग के अधिकारियों को ग्रीष्मकाल की तैयारियों एवं हीटवेब कार्य योजना के सम्बन्ध में निर्देशित किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित समस्त विभागीय अधिकारियों को आवश्यक समस्त तैयारियों को ससमय पूर्ण करने तथा शासन स्तर से विभागवार प्राप्त निर्देशों का अनुपालन शतप्रतिशत सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
अपर जिलाधिकारी ने हीट स्ट्रोक से बचाव के संबंध में क्या करें, क्या न करें के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि प्रचार माध्यमों में हीट वेव (लू) संबंधी चेतावनी पर ध्यान दें। अधिक से अधिक पानी पियें। यदि प्यास नहीं भी हो तब भी थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले ढीले वस्त्र पहनें। धूप के चश्में, छाता, टोपी व चप्पल आदि का प्रयोग करें। यदि खुले में कार्य करने की आवश्यकता हो तो सिर, चेहरा, हाथ और पैरों को कपड़े से ढ़ककर रखें, समस्या होने पर पूरे शरीर को गीले कपड़े से पोछे तथा चिकित्सक से संपर्क करें। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ ले जायें। ओ०आर०एस० अथवा घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें। जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, प्रधानाचार्य आई0टी0आई0, अधिशासी अभियन्ता विद्युत/लघु सिंचाई, ए0एम०ए०, जिला आपदा विशेषज्ञ एव आपदा लिपिक तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।