नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर भाजपा का हाथ थाम लिया है, जिसके बाद राजनीति में भारी हलचल देखने को मिल रही है। एक तरह राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन कमजोर होती नजर आ रही है।
अब तक बंगाल और पंजाब में ही विपक्षी INDI गठबंधन कमजोर नजर आ रहा था, लेकिन अब बिहार में इसकी ताकत कम हो गई है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल है कि आखिर विपक्षी गठबंधन आगे क्या और किस तरह की रणनीति बनाने वाली है।
प्रमोद कृष्णम ने किया कटाक्ष
इसी बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस किसी को रोकने की कोशिश नहीं करती, जिसे जाना हो जाओ, कांग्रेस एक महान पार्टी है। दरअसल, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “INDI गठबंधन जब से बना तभी से ये गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। शुरुआत से ही इसमें तरह-तरह के वायरस आ गए, फिर ये आईसीयू में चला गया और अंत में वेंटिलेटर पर था। फिर कल नीतीश कुमार ने इसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। अब INDIA गठबंधन का क्या होगा?”
9वीं बार ली सीएम पद की शपथ
बता दें कि बीते रविवार को नीतीश कुमार ने दोपहर में राज्यपाल से मुलाकात करके उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके तुरंत बाद बीजेपी की बैठक हुई, जिसके बाद एक सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम के फार्मूले पर एनडीए के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद शाम पांच बजे नीतीश कुमार ने 9वीं बार बिहार के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। आपको बता दें कि बिहार की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी मुख्यमंत्री ने दिन में इस्तीफा दिया हो और शाम को उसका शपथ ग्रहण हो।
विपक्षी INDI गुट को लगा झटका
इस पूरे घटनाक्रम से विपक्षी INDI गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, नीतीश कुमार को पहले गठबंधन का संयोजक बनाने की चर्चाएं हो रही थी और उस बीच नीतीश का यह फैसला सबको हैरान करने वाला है। 2024 लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी गठबंधन एकजुट होकर एनडीए को हराना चाहते थे, लेकिन इसी बीच नीतीश कुमार ने एनडीए का हाथ थाम कर सबको असमंजस में डाल दिया है।