अब्दुल रशीद को लोकसभा सदस्यता की शपथ लेने की अनुमति देने की मांग पर सुनवाई टली

नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के आरोपित और बारामूला से लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्य अब्दुल रशीद शेख को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की अनुमति देने की मांग पर सुनवाई टाल दी है। कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई एक जुलाई को करने का आदेश दिया।

आज कोर्ट में याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की गई, जिस पर कोर्ट ने 01 जुलाई को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अब्दुल रशीद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 जून को एनआईए को नोटिस जारी किया था। अब्दुल रशीद ने लोकसभा चुनाव 2024 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बारामूला सीट से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को दो लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था। रशीद फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। रशीद को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, अब्दुल रशीद शेख, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों, सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई।

एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने आईपीसी की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।

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