जिलामुख्यालय से चंद कदम की दूरी पर हुआ मानक विहीन कार्य
डीएम की फटकार के बाद भी जिला परियोजना अधिकारी नेडा की कार्यशैली ने नही हुआ सुधार
जिला ब्यूरो निष्पक्ष प्रतिदिन
सीतापुर । जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह द्वारा जनपद में चल रहे ,समस्त विकास कार्यो की समीक्षा बैठक कर सम्बंधित को उचित दिशा निर्देश दिए जाते रहते है , जिससे जनपद में चल रहे विकास कार्य बेहतर व टिकाऊ हो सके । जिलाधिकारी के हर प्रयास और दिए गए दिशानिर्देश के बाद भी , जिला परियोजना अधिकारी नेडा सीतापुर के द्वारा कराए जा रहे कार्यो में निजी लाभ के चलते नही आ रहा सुधार, जबकि दिसम्बर माह की बैठक में जिले में विभन्न मदो से लग रहे सोलर स्ट्रीट लाइट के कार्य को लेकर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए, जिला परियोजना अधिकारी नेडा को कार्य मे सुधार लाने के निर्देश दिए थे । जारी निर्देश के बाद भी जिला परियोजना अधिकारी नेडा की कार्य शैली में नही आया सुधार ।बताते चले कि आम जनमानस को रात्रि में बिना बिजली के बाजारों , ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में राहत दे रही सोलर स्ट्रीट लाइट योजना , जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इस योजना की समिति का गठन किया जाता ।
सीडीओ, बीडीओ, नेेडा अधिकारी सहित जनपद के जिम्मेदार अधिकारी समिति की निगरानी करते है जिससे विभिन्न योजनाओं से लग रही सोलर स्ट्रीट लाइट बिना घोटाले के आम जनता तक पहुच सके । जिस कार्य हेतु विकास खण्डों में सोलर स्ट्रीट लाइट कहाँ लगनी है वह स्थान बीडीओ द्वारा चयन कराया जाटव है, जिससे अधिक से अधिक उचित स्थानों पर योजना से आमजनमानस को लाभ मिल सके । कमेटी की संस्तुति के बाद उन स्थानों की सूची शासन को भेजी जाती है ,और बजट आने के बाद टेण्डर प्रकिया के माध्यम से कार्य को प्रारम्भ कराया जाता है, जिससे सोलर स्ट्रीट लाइट संयत्रों की स्थापना से सार्वजनिक बाजार में सांयकाल से सुबह होने तक स्वतः पथ प्रकाश (आटोमेटिक स्ट्रीट लाइटिंग) की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाती है , ग्रामीण शहरी व बाज़ारों आदि क्षेत्रों में सोलर लाइट लगाकर बिजली की बचत एवं रोशनी प्रदान की जा सके। सोलर स्ट्रीट लाइट के माध्यम से बिना बिजली के भी ग्रामीण शहरी व मुख्य बाजार रोशन हो सके । अंधेरे में आवागमन में आने वाली परेशानी भी दूर हो सके , यह योजना जिला परियोजना अधिकारी नेडा के नेतृत्व से चलाई जाती है ।लेकिन जारी आदेशो के बाद भी जब नेडा विभाग के जिम्मेदारो द्वारा ही जारी आदेशो को पलीता लगया जा रहा है। तो योजना मात्र कगजपूर्ती बन कर रह जा रही है । और विभाग के जिम्मेदारो द्वारा निजी लाभ के चलते कार्यदायी संस्थाओं से सांठगांठ कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है । लगाई जा रही सोलर लाइटों में नेडा परियोजना अधिकारी की उदासीनता के चलते कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाओं द्वारा जमकर मानक विहीन कार्य कराया जा रहा है, नेडा के जिम्मेदारो की मनमानी के चलते कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रही है।
गौरतलब हों नेडा अधिकारियों के संरक्षण में कार्यदायी संस्था की लापरवाही इस कदर बढ़ गयी कि यह ग्रामीण क्षेत्र को छोड़ दे, जिला मुख्यालय से मात्र चंद कदम की दूरी पर ट्रांसपोर्ट चौराहे से मुख्य पोस्ट ऑफिस जाने वाले मार्ग के मध्य मंदिर पर सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई है उसमें , भी मानक विहीन कार्य कर दिया , जबकि इस मार्ग से जिम्मेदार अधिकारियों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों के भी आवागमन बना रहता है । मनकविहीन कार्य से जहाँ एक तरफ घोटाले हो रहे है । वही दूसरी तरफ दुघर्टना की संभावना प्रबल बनी रहती है, क्योंकि ये लाइटें कभी भी किसी के ऊपर गिरकर किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है जिससे की जान माल का नुकसान भी हो सकता है। कार्यदायी संस्थाओ द्वारा जो कार्य कराया गया उसमे मात्र कगजपूर्ती की जा रही है ।जैसे कि लाइट जाम करने की प्रक्रिया में चौड़ाई 300 एम एम डाया गोल , गहराई में 1 मीटर अंदर 200 एम एम ऊपर भविष्य में सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किये गए है, लेकिन कायदाही संस्था द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है । जानकारी के अनुसार जनपद सीतापुर के जनप्रिय सासंद ने भी अपनी निधि से आपने क्षेत्र में जनता की आवश्यकता की ध्यान में रखकर भारी संख्या में सोलर स्ट्रीट लाइट स्थापित करने के उद्देश्य से प्रकाश की उचित व्यवस्था को ध्यान में रखकर निधि आम जनमानस के लिए खोल दी है । जिस कार्य को पूर्ण करने का कार्य नेडा विभाग द्वारा कार्यदायी संस्थाओ से कराया जा रहा है । लेकिन अब आम जनमानस को यह देखना है की क्या सासंद निधि से लगाई जा रही, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में यह सोलर स्ट्रीट लाइट क्या लोकसभा चुनाव तक बना किसी दुघर्टना के जलती रहेगी, य वोट मांगने के समय तक सासंद निधि द्वारा लगाई जा रही लाइट मात्र शो पीस में नजर आएंगी ।