सैरपुर गांव में थम रहा सरकारी जमीन पर अवैध प्लाटिंग का खेल!

  • प्रापर्टी डीलर सर्वेश यादव व पीताम्बर यादव द्वारा नियमों को ताक पर रख तालाब व ग्राम सभा की सरकारी जमीन पर की जा रही अवैध प्लाटिंग
  • लेखपाल और ग्राम प्रधान की शह पर प्लाटिंग कर भूमाफिया प्रापर्टी डीलर खत्म कर रहे सरकारी तालाब का अस्तित्व

लखनऊ। राजधानी के बीकेटी तहसील मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों अवैध प्लाटिंग का कारोबार बेखौफ हो रहा है। शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर लेखपाल व ग्राम प्रधान की मिलीभगत से तालाब व ग्राम सभा की सरकारी जमीनों की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी बिक्री हो रही है। हालात यह है कि तहसील क्षेत्र में सैरपुर गांव सहित किसी न किसी गांव में रोज कहीं ना कहीं कालोनी का नक्शा खींचा जा रहा है। भू माफिया रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट बेच रहे है। अवैध निर्माण की वजह से तहसील क्षेत्र का सुनियोजित विकास नहीं हो पा रहा है। गांव का नक्शा भी बिगड़ रहा है, तो साथ ही लोग भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। अवैध तरीके से कालोनी बसाने वाले भू-माफियाओं ने अपनी सारी हदें पार कर दी हैं।लेखपाल की मिलीभगत से सैरपुर गांव में मां सरस्वती प्रापर्टीज एवं फ्री होल्ड प्लाट के मालिक प्रापर्टी डीलर सर्वेश यादव व पीताम्बर यादव नियमों को ताक पर रख तालाब व ग्राम सभा की सरकारी जमीन पर प्लाटिंग कर खुलेआम लोगों के साथ ठगी कर उनकी आंखों में धूल झोंकने में लगे हैं। सारी सुविधाएं मुहैया कराने का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को फांसने वाले इन जमीन दलालों को खुली छूट व प्रशासन की चुप्पी अनेक सवाल खड़ा कर रहा है।

तालाब व ग्राम सभा की सरकारी जमीन में प्लाट काट रहे डीलर

नियमानुसार कालोनाइजर एक्ट के तहत सभी औपचारिकता पूरा करने के बाद जमीन की खरीदी बिक्री होनी चाहिए, लेकिन बिना पंजीयन के ही न केवल आवासीय कालोनियां विकसित हो रही हैं, बल्कि तालाब,ग्राम सभा व खेत-खलिहान की सरकारी जमीन की स्थानीय लेखपाल की मिलीभगत से धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग भी हो रही है।

कटते पेड़, जड़ से उखड़ता पर्यावरण

पर्यावरण से पृथ्वी का गहरा नाता है। इस रिश्ते की डोर को सबसे मजबूती से जिसने बांधे रखा है वे पेड़ हैं। लेकिन जमीन दलाल प्लाटिंग के अवैध खेल में अपने मुनाफ़े के लिए दरख्तों की बेहिसाब कटाई से भी नही हिचक रहे है। बेवजह पेड़ काटने और कटवाने वालों पर सख्त कार्रवाई के सरकारी आदेश रद्दी की टोकरी में डाल दिए गए है।

यहां है अवैध प्लाटिंग का जोर

बीकेटी तहसील मुख्यालय के पास, सैरपुर, नवीकोट नंदना, अस्ती नगुवामऊ मुख्य मार्ग, चंद्रिका देवी रोड, भौली आदि स्थानों पर अवैध प्लाटिंग की जा रही है। मामला संज्ञान में होने के बाद भी अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इस स्थान पर धड़ल्ले से जमीन खरीदने वालों को ठगा भी जा रहा है।

बिना मिलीभगत के नहीं हो सकता ऐसा काम

ग्रामीणों का मानना है कि जिस पैमाने पर अवैध प्लॉटिंग की जा रही है, वह सब बिना लेखपाल और प्रधानों की मिलीभगत के नहीं हो सकता। बिना इनकी रजामंदी के प्रॉपर्टी डीलर बंजर, तालाब, सरकारी ट्यूबवेल, पंचायत भवन, श्मशान आदि की जमीन को अपनी जमीन में शामिल नहीं कर पाते। ऐसे में जांच होने पर इन सब पर भी शिकंजा कसना तय है।

रजिस्ट्री दफ्तरों में जमीन दलालों का जमावड़ा

उप निबंधक कार्यालय बीकेटी में रोजाना जमीन दलाल और बिल्डर्स को आसानी से देखा जा सकता है। पक्षकारों से ज्यादा इनकी संख्या नजर आती है। क्योंंकि इनके बिना जमीन की खरीदी-बिक्री करना आम आदमी के लिए अब अंसभव जैसा हो चुका है। हर जमीन इनके कब्जे में पहुंच जाती है। ऐसे लोग पूरे खेत के लिए जमीन मालिक से कौड़ी के भाव में खरीद लेते हैं, फिर टुकड़ों में काटकर उसे अलग-अलग व्यक्तियों को बेचा जाता है। इसके लिए जितनी बार रजिस्ट्री होती है, उस जमीन मालिक को दस्तखत करने आना पड़ता है और हर बार जमीन दलाल ही उसे लेकर पहुंचते हैं। उप निबंधक कार्यालय में अवैध सुविधाशुल्क के बलबूते इनका काम आंख मूंदकर होता है।

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