तीन दशक से म्यूजिक इंडस्ट्री में काम कर रहे रहमान के बारे में जाने कुछ खास बातें…

नई दिल्ली। फिल्मों में जितना जरूरी एक अच्छा प्लॉट यानी कहानी होती है, उतना ही मायने रखता है संगीत। कई बार फिल्में नहीं चलतीं, मगर संगीत दशकों तक याद रह जाता है। इसका सारा क्रेडिट जाता है एक अच्छे म्यूजिक डायरेक्टर को।

एआर रहमान ऐसे ही संगीतकार हैं, जो अपने संगीत से किसी भी फिल्म को ब्लॉकबस्टर बनाने के लिए काफी हैं। फिल्मों में अपने गानों से एआर रहमान ने दर्शकों के दिलों पर एक अलग ही छाप छोड़ी है। उन्होंने ‘रोजा’, ‘बॉम्बे’, ‘ताल’, ‘जोधा अकबर’, ‘रंग दे बसंती’, ‘स्वदेस’, ‘रॉकस्टार’ जैसी फिल्मों को संगीत दिया है।

अपने करियर में एआर रहमान ने कई फिल्मों को गाने दिए, जिनमें ज्यादातर हिट साबित हुए। आज यानी 6 जनवरी 2024 को 57वां जन्मदिन मना रहे रहमान की निजी जिंदगी भी उनके संगीत की तरह दिलचस्प रही है। आइए, आपको उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।

असल नाम था दिलीप
एआर रहमान का जन्म एक हिन्दू परिवार में हुआ था और उनका नाम दिलीप रखा गया था। फिर 23 साल की उम्र में रहमान ने इस्लाम कबूल किया और अपना नाम ‘अल्लाह रखा रहमान’ यानी एआर रहमान कर लिया। ऐसा उन्होंने अपने एक गुरु कादरी इस्लाम से मिलने के बाद किया।

पहली फिल्म के लिए मिले 25000
एआर रहमान ने मणि रत्नम की फिल्म रोजा से बतौर संगीतकार सफर शुरू किया। इस फिल्म में मणि रत्नम ने दिग्गज संगीतकार इलैयाराजा की जगह रहमान को चुना। रोजा के लिए रहमान को 25 हजार रुपये फीस दी गई थी। पहली ही फिल्म के लिए उन्होंने नेशनल अवॉर्ड भी जीता था।

रहमान के नाम से है स्ट्रीट
मार्खम ओंटारियो, कनाडा में एक स्ट्रीट का नाम रहमान के नाम पर रखा गया है। इस स्ट्रीट को ‘अल्लाह रखा रहमान स्ट्रीट’ नाम दिया गया है और इसका उद्घाटन साल 2017 में हुआ था।

एयरटेल से है रहमान का नाता
एयरटेल की सिग्नेचर ट्यून तो लगभग हर किसी को याद होगी। कम ही लोगों को ये जानकारी होगी कि इस ट्यून को रहमान ने ही कंपोज किया था।

चार की-बोर्ड बजाकर हैरान किया
एआर रहमान का म्यूजिक तो लोगों को पसंद आता ही है। साथ ही साथ वो की-बोर्ड बजाने में भी परफेक्ट हैं। इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि एक बार उन्होंने एक ही वक्त में 4 कीबोर्ड बजाकर सभी को हैरान कर दिया था।

छह बार जीते राष्ट्रीय पुरस्कार
रहमान अपने संगीत के लिए छह बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं। इनमें से पांच बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन और एक बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर के लिए है। पहला अवॉर्ड 1992 में रोजा के लिए, दूसरा 1996 में तमिल फिल्म मीनसारा कनावु, तीसरा 2001 में लगान, चौथा 2002 में तमिल फिल्म काननाथील मुथामित्तल और पांचवां अवॉर्ड 2017 में तमिल फिल्म काटरू वेलिएदै के लिए जीता था। 2017 में ही हिंदी फिल्म मॉम के लिए उन्होंने बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर कैटेगरी में भी नेशनल अवॉर्ड जीता था।

दो ऑस्कर्स किये अपने नाम
रहमान को ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए एक ही साल में 2 ऑस्कर मिले थे। स्लमडॉग मिलियनेयर के अलावा रहमान ने ‘127 आवर्स’ और ‘लॉर्ड ऑफ वॉर’ हॉलीवुड फिल्मों के लिए भी शानदार म्यूजिक कम्पोज किया है।

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