सूर्य के रौद्र रूप से लड्डूगोपाल बचाते मंदिर पहुंच रहे भक्त

वृंदावन। सूर्यदेव अपने रौद्र रूप में भले ही हों। लेकिन, बांकेबिहारी के भक्तों के कदम थम नहीं रहे। तपती धरती और सिर पर तेज धूप के बावजूद भक्तों के नंगे कदम आराध्य के दर्शन को बढ़ते जा रहे हैं। श्रद्धालुओं पर तो सूरज के रौद्र रूप का असर दिखाई दे ही रहा है। लेकिन, भक्तों को तो भगवान की भी इतनी ही चिंता रहती है।

शुक्रवार की शुरूआत आम दिनों से अधिक गर्म थी। भोर होते ही आसमान से आग बरसने लगी। जैसे जैसे दिन चढ़ता गया, सूर्यनारायण अपने रौद्र रूप में नजर आने लगे। अधिकतम तापमान बढ़ता ही जा रहा था। गर्मी का प्रकोप लोगो पर इस तरह हावी हुआ कि लोग बचते नजर आए। कोई आईस्क्रीम खा रहा था, तो कोई कोल्ड ड्रिंक पी कर राहत महसूस कर रहा था। बाहर से दर्शन करने आए श्रदालु भी बेबस नजर आ रहे हैं। हालांकि वे सूती कपड़ों की छांव में अपने साथ लाए लड्डूगोपाल को मंदिर तक ले जा रहे हैं। ताकि लड्डूगोपाल पर गर्मी का असर न पड़े।

बांकेबिहारी के भक्तों पर सूर्यनारायण के रौद्र रूप का असर कम ही नजर आ रहा था। श्रद्धालु नंगे कदम ही मंदिर की ओर बढ़ते नजर आ रहे थे। भक्तों की इसी भीड़ में लुधियाना पंजाब से ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन करने आए भक्त राधिका और प्रदीप अपने हाथों में लड्डूगोपाल को तेज धूप से बचाने का प्रयास कर आगे बढ़ते नजर आए।

दंपती से जब सवाल किया तो कहा हम अपने साथ लड्डू गोपाल को वृंदावन लाए है। लेकिन, यहां बहुत अधिक गर्मी होने पर परेशान है और जब हमको इतनी गर्मी लग रही है तो छोटे से लड्डू गोपाल तो छोटे से बच्चे है। इसलिए, हम इनको बार बार जल और कपड़े से ढक तेज धूप से राहत प्रदान कर रहे है।

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