मुसाफिरखाना अमेठी । तहसील के एसडीएम के राजस्व अहलमद दिलीप श्रीवास्तव ने मामला तहसील के ही राजस्व लिपिक हसनैन मुस्तफा व उनके सहयोगी प्रतिलिपिक रामकरन के खिलाफ दर्ज कराया है। उनका कहना है कि राजनारायन बनाम ग्रामसभा से जुड़ी जमीन पैमाइश की एक फाइल पत्थर नसब के लिए भेजी गई थी। तीन जनवरी 2024 को फाइल हसनैन मुस्तफा के सहयोगी रामकरन को डाकबही से दी गई थी। पत्थर नसब के बाद फाइल वापस नहीं दी गई।
इस फाइल की जरूरत पड़ी तब खोजबीन व जांच पड़ताल शुरू की गई। हसनैन मुस्तफा व उनके सहयोगी से इस फाइल के बारे में जवाब तलब किया गया। लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला। फाइल गायब कर दिए जाने की खबर से तहसील में खोजबीन शुरू हो गई। सनसनीखेज मामले को लेकर संबंधित कर्मचारियों पर कई तरह के सवाल व संदेह होने लगे। मामले की गंभीरता देखते हुए यह प्रकरण उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद एसडीएम के अहलमद ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
इंस्पेक्टर विनोद सिंह ने बताया कि पत्रवाली गायब होने का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसकी विवेचना चल रही है। आरोपी ठहराए गए कर्मचारियों के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी रजिस्टर के साथ पकड़ा गया था बाहरी- मुसाफिरखाना तहसील से पैमाइश के दस्तावेज गायब करने का मामला पहला नहीं है। सरकारी दफ्तरों से दस्तावेज गायब होने के खेल पहले भी हो चुके हैं।
इससे पहले भी एक मामला मुसाफिरखाना नगर पंचायत में सामने आ चुका है। यहां के कर्मचारी राधेराम वर्मा ने तीन अप्रैल 24 को ऐसा ही एक मामला दर्ज कराया है। उन्होंने मुसाफिरखाना निवासी आकाश कसौंधन पर आरोप लगाया कि उसने गृहकर के रजिस्टर में अपने पिता का नाम गलत ढंग से दर्ज कराने का प्रयास किया था, लेकिन जब मंशा पूरी नहीं हुई तो उसने संबंधित गृहकर रजिस्टर ही गायब कर दिया। तलाश करने पर भी रजिस्टर नहीं मिला था।