बहुताधाम में हो रहे मानस सम्मेलन में संत विद्वानों ने सुनाई राम कथा
हैदरगढ़ बाराबंकी राम भारत की आत्मा है हमारे राष्ट्र का चिंतन एवं विचारधारा राम के आदर्श तथा मान्यताओं से अनुप्रसित है यह विचार लखनऊ से समागत प्रोफेसर जितेंद्र नाथ पांडे ने बहुत आदर के मानक सम्मेलन में कहीं प्रोफेसर जितेंद्र नाथ पांडे ने आगे बताया की मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने कभी अपने सुख स्वार्थ की कामना नहीं कि उन्होंने आतंकी आसुरी शक्तियों का विनाश कर ऐसे राम राज्य की स्थापना की जहां संपूर्ण प्रजा को सम्मान सुख सुविधा प्राप्त करती कोई भेदभाव नहीं था मनुष्य से लेकर वन्य जीव तक सभी सुखी और सुरक्षित थे इसी कारण वह शासन व्यवस्था राम राज्य के रूप में आज भी एक आदर्श है इस विचारधारा के अनुरूप आज देश में बिना किसी भेदभाव के सभी को सम्मान अधिकार प्राप्त है रायबरेली से आए पुनीत शास्त्री भागवताचार्य ने कहा कि जीवन का वास्तविक आनंद भक्ति रस में है भाव रस में नहीं है भाव अर्थात संसार का रस तो भोग कॉल में आनंद जैसा लगता है किंतु परिणाम में अत्यंत दुखदाई होता है डॉ कृष्ण कुमार मिश्रा ने भरत चरित्र के वर्णन माध्यम से बताया कि लोग राज्य धन वैभव पाने के लिए मर्यादा भूल जाते हैं किंतु भरत की स्वत प्राप्त अयोध्या जैसे विशाल साम्राज्य को स्वीकार नहीं करते वह जानते थे कि इस राज्य के सच्चे उत्तराधिकारी उनके बड़े भाई राम ही है अतः वह राज्य अस्वीकार कर देते हैं और राम को वापस लाने के लिए वन की ओर प्रस्थान करते हैं भरत जी का यह मर्यादित निर्णय परिवार समाज एवं राष्ट्र के लिए एक अनुकरण शिक्षा है पंडित रामकिंकर मिश्र ने कहा कि मनुष्य योनि कर्म प्रधान है काम करना अपने बस में है किंतु फल परमात्मा के अधीन है अतः पूरे मनोयोग से काम करते हुए फल के प्रति आसक्ति नहीं होनी चाहिए फल में आसकत होने से ही जीव बंधन में पड़ जाता है और बार-बार जन्म मृत्यु के चक्र में फंसकर नाना प्रकार के दुख सहयता है श्री रामचरितमानस सम्मेलन में पंडित अजय शास्त्री बिंदु प्रेम दास बाबा के कुटी महंत लालता दास बाराबंकी के पंडित अवधेश शुक्ला तरंग अयोध्या से आए दिन बंधु सहित दर्जनों भक्तों ने अपने-अपने विचार श्रोताओं के मध्य रखें कार्यक्रम में डॉक्टर शिवाकांत शुक्ला हरिश्चंद्र त्रिपाठी छोटेलाल पांडे घनश्याम पांडे चंद्रशेखर पांडे अंजनी मिश्रा अंजनी अवस्थी राम किशोर अवस्थी विनोद त्रिपाठी डॉक्टर योगेंद्र शुक्ला राम मनोहर पांडे रामकुमार पांडे शिव शंकर अवस्थी श्याम शंकर अवस्थी कौशल किशोर सर्वेश महाराज राममिलन साहू गया प्रसाद शर्मा शाहिद भारी संख्या में पुरुष व महिलाएं उपस्थित रहे सुशील पांडे ने आए हुए संत विद्वानों श्रोताओं का आभार जताया