कानपुर। कानपुर में अंतरराष्ट्रीय ग्रीनपार्क स्टेडियम इन दिनों बदहाली की स्थिति में है। कई साल से मेंटीनेंस न होने से स्टेडियम की कुर्सियां उखड़ने लगी हैं। स्टूडेंट गैलरी में उगे छोटे-छोटे पौधे और घास बयां कर रही है कि यहां सालों से कोई नहीं आया है। 35 करोड़ से बने न्यू प्लेयर पवेलियन में लाखों से मंगाए गए सोफे फटे पड़े हैं।
आवारा जानवर यहां घुसकर सोफों को फाड़ रहे हैं। बाथरूम की टोटियां खराब पड़ी हैं। पवेलियन के टिन शेड तक टूट चुके हैं। स्टेडियम के रखरखाव की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की हैं। यूपीसीए ने ग्रीनपार्क स्टेडियम को खेल विभाग से लीज पर लिया है। एक साल का सवा करोड़ रुपये किराया है।
मरम्मत न होने के मुख्य कारण
. यूपीसीए का कहना है कि एमओयू के तहत किराया हम देते हैं तो मेंटीनेंस की जिम्मेदारी खेल विभाग की है।
. खेल विभाग का कहना है कि अधिकतर मैच यूपीसीए के होते हैं, ऐसे में स्टेडियम का रखरखाव भी यूपीसीए करे।
. स्टेडियम में कुर्सियों को ठीक और घास को तभी काटा जाता है, जब कोई मैच होता है।
. यूपीसीए ने ग्रीनपार्क स्टेडियम में कोई सफाई कर्मचारी नहीं तैनात किया है।
स्टेडियम का निरीक्षण कर यूपीसीए को पत्र लिखा जाएगा, ताकि न्यू प्लेयर पवेलियन में खराब चीजों को सही करवाया जा सके। स्टेडियम की गैलरियों, कुर्सियों आदि के संबंध में यूपीसीए व खेल निदेशालय पत्र दिया जाएगा ताकि मेंटीनेंस हो सके। -आरएन सिंह, उप निदेशक खेल,
ग्रीनपार्क स्टेडियम
वर्तमान में यूपीसीए के सभी सदस्य लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आईपीएल मैचों की तैयारियों में व्यस्त हैं। ग्रीनपार्क के मेंटीनेंस के बारे में सचिव और अन्य सदस्यों से बात करके जो एमओयू के तहत होगा, किया जाएगा।