15 दिन से अधिक बुखार रहना, हो सकता है कालाजार का लक्षण
बलिया। जनपद में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का छिड़काव बुधवार से शुरू हो गया है जो 18 मई तक चलेगा। ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के घरों या कच्चे घरों, दरारों, दीवारों आदि में पनपने वाली बालू मक्खी को खत्म करने के लिए इंडोर रेजीडुअल स्प्रेईंग (आईआरएस) की जाती है।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि जनपद में जनवरी 2023 से अब तक कालाजार के तीन रोगी पाए गए। जिसमें 15 दिन से अधिक बुखार कालाजार और दो पीकेडीएल (चमड़ी वाला कालाजार) के मरीज हैं। कहा कि कालाजार एक जानलेवा रोग है जो कि बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह ग्रामीण क्षेत्रों में मकान की दरारों,कच्चे घरों, दीवारों में पायी जाती है। घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है। बताया कि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार रहना, भूख नहीं लगना, खून की कमी, वजन घटना, रोगी की त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वहीं इसके मुख्य लक्षण में से एक है त्वचा पर धब्बा बनना। यदि किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण नजर आएं तो तत्काल अपने नजदीक के सीएचसी व पीएचसी पर जांच कराएं तथा जिला चिकित्सालय पर इलाज कराएं।