अमेठी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अंशुमान सिंह ने बताया कि तम्बाकू सेवन जनस्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या के रूप में वैश्विक स्तर पर उभर कर आया है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में किया जाये, यह स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त ही हानिकारक है। तम्बाकू सेवन से अनेक बीमारिया होती है, जिसमें नपुंसकता/बांझपन एवं कैंसर प्रमुख रूप से है। एन०एफ०एच०एस०-5 के अनुसार उत्तर प्रदेश में धुआरहित एवं धुंआसहित अनेक रूपों में तम्बाकू उपभोग 44.1 प्रतिशत है, जो कि अत्यन्त भयावह स्थिति है जिससे भविष्य में अनेक असंचारी रोगों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एन०टी०सी०पी०) का सफल संचालन एवं सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पाद, प्रदाय और वितरण व विनियमन) अधिनियम का प्रभावी संचालन किया जा रहा है। सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम के अन्तर्गत समस्त सार्वजनिक स्थान यथा-सभागृह, शासकीय एवं अशासकीय कार्यालय, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, प्रतिक्षालय, मनोरंजन केन्द्र, न्यायालय परिसर, शिक्षण संस्थान, लोक परिवहन, पुस्तकालय आदि स्थानों पर धूम्रपान करना प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि आयोजित होने वाले प्रत्येक मेला/प्रदर्शनी/सार्वजनिक कार्यक्रमों अथवा ऐसे किसी भी कार्यक्रम, जिसमें बड़ी संख्या में व्यक्तियों के एकत्रित होने की सम्भावना हो, के मुख्य द्वार पर एवं मध्य में कम कम से 02 बैनर/होर्डिंग्स लगायी जायेंगी। उन्होंने कहा कि “सी०ओ०टी०पी०ए०-2003 की धारा-4 के अंतर्गत समस्त सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना दण्डनीय अपराध है जिसका उल्लंघन करने पर 200/- रूपये तक जुर्माना किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में पोलिंग बूथ को तम्बाकू मुक्त घोषित किये जाने की कार्यवाही की गयी है। उन्होंने समस्त जनसामान्य से अनुरोध करते हुए कहा कि आगामी समस्त चुनावों में जनपद के समस्त मतदान प्रशिक्षण केन्द्रों, मतदान केन्द्रों के 100 गज की परिधि को तम्बाकू प्रतिबंधित क्षेत्र, आमजन को धुम्रपान / तम्बाकू उपयोग से होन वाली हानियों/दुष्परिणामों से जागरूक करने, मतदान केन्द्रों पर बोर्ड / साइनेज जिसमें ‘धूम्रपान/तम्बाकू रहित क्षेत्र, यहाँ धूम्रपान करना एक अपराध है।” लिखा जाये।