बदायूँ। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सारिका गोयल ने बताया कि मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की विधिक व्यवस्था गणेश बनाम उ0 प्र0 राज्य के दिशा-निर्देशानुसार ऐसे सिद्धदोष बंदी जिनकी समयपूर्व रिहाई की याचिका सक्षम प्राधिकारी के समक्ष भेजी जा चुकी है और छः माह का समय व्यतीत हो चुका है, को जमानत दिलाए जाने के संबंध में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बदायूँ को निर्देश दिए गये थे।
उक्त निर्णय के अनुसरण में जिला कारागार, बदायूं में निरुद्ध सिद्धदोष बंदी 82 वर्षीय वृद्धा रामबेटी पत्नी शेरसिंह निवासी ग्राम सेहा थाना उसावाँ जिला बदायूँ, की याचिका सक्षम प्राधिकारी के समक्ष पिछले छः माह से लंबित है, परंतु उस पर कोई भी निर्णय नहीं हुआ था, को जेल से रिहा किए जाने के संबंध में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सारिका गोयल द्वारा कदम उठाते हुए उक्त महिला बंदी के संबंध में जिला कारागार बदायूँ से आख्या प्राप्त कर उक्त महिला बंदी के परिजनों को सूचित किया गया तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बदायूँ के समक्ष जमानत याचिका दायर किए जाने हेतु कार्यवाही की गयी। जिस पर सभी पक्षों को सुनते हुए एवं न्यायिक निर्णयों का अनुसरण करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बदायूँ द्वारा उक्त बंदी को जमानत पर रिहा किया गया।