बदायूँ : 19 मार्च। संयुक्त निदेशक अभियोजन राकेश चन्द्र पाण्डेय द्वारा बताया गया कि तीन नये विधायनों-भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को एक जुलाई 2024 से लागू होना नियत है। शनिवार को पुलिस लाइंस बदायूँ सभागार में अभियोजन निदेशालय, लखनऊ उ०प्र० के तत्वाधान में अभियोजन विभाग के अधिकारियों द्वारा एक कार्यशाला पुलिस लाइंस सभागार बदायूँ में आयोजित की गयी।
कार्यशाला की अध्यक्षता एस०एस०पी० के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक नगर, श्री ए०के० श्रीवास्तव द्वारा की गयी। संयुक्त निदेशक अभियोजन बदायूँ द्वारा बताया गया कि उपरोक्त तीनों विधियों को वर्तमान में प्रचलित भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर दिनांक 01 जुलाई 2024 से लागू होना नियत है। कार्यशाला में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 पर ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी, श्री जयहिन्द त्रिपाठी द्वारा, भारतीय न्याय संहिता पर सहायक अभियोजन अधिकारी, श्री अभिषेक कुमार मिश्र तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 पर सहायक अभियोजन अधिकारी, श्री दीपेन्द्र सिंह सेंगर द्वारा उपस्थित पुलिस अधिकारियों तथा अभियोजन अधिकारियों को परिचित कराया गया।
अपने धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम में सभा को सम्बोधित करते हुए संयुक्त निदेशक अभियोजन श्री राकेश चन्द्र पाण्डेय ने सभी की कार्यशाला में सक्रिय सहभागिता के लिये आभार व्यक्त करते हुए ऐसी ही कार्यशाला नियमित अन्तराल पर कराने की बात कही गयी। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागी नवीन विधियों पर दिये गये ज्ञान से अत्यन्त उत्साहित थे तथा अगली कार्यशाला शीघ्र ही कराये जाने का निवेदन संयुक्त निदेशक अभियोजन बदायूँ से किया। पुलिस अधीक्षक नगर,ए०के० श्रीवास्तव ने कार्यशाला को अत्यन्त उपयोगी बताया तथा वक्ताओं द्वारा दिये गये।