- आरके चौधरी के लड़ने से इस बार मोहनलालगंज सीट पर लड़ाई हुई कठिन
- दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच होगी सीधी टक्कर
निष्पक्ष प्रतिदिन,लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 के वर्तमान परिदृष्य को देखते हुए चुनावी पंडितों का मानना है, लखनऊ और मोहनलालगंज (सुरक्षित) इन दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी टक्कर है।दोनों दल मोहनलालगंज संसदीय सीट (सुरक्षित) में अपनी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए गुणा-भाग लगा रहे हैं।वहीं भाजपा से राजनाथ सिंह व कौशल किशोर जो दोनों नेता केंद्र में मंत्री हैं, दोनों नेता अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए तीसरी बार चुनावी रण में हैं।लखनऊ के चुनाव पर पूरे प्रदेश की नजर रहती है। इस बार के चुनाव में भाजपा के दो मौजूदा मंत्री राजनाथ सिंह और कौशल किशोर मैदान में हैं।
मामला क्योंकि सरकार के दो कद्दावर नेताओं से जुड़ा है, इसलिए इन दोनों सीटों पर लोगों की निगाह ज्यादा है।हालांकि चुनावी पंडितों का यह भी मानना है कि लखनऊ सीट पर फिलहाल कोई लड़ाई नहीं है।लेकिन मोहनलालगंज सीट (सुरक्षित) पर आरके चौधरी के आ जाने से इस सीट पर अब लड़ाई रोचक हो गई है।
लखनऊ सीट पर कम्पटीशन नाम की कोई चीज नहीं है। राजनाथ सिंह एक बड़े नेता है, उनकी अपनी एक पहचान है। सपा मजबूत स्थिति में जरूर है उसका एक तगड़ा वोट बैंक भी है। उसके बावजूद इस सीट पर सपा जीत दर्ज करने की स्थिति में नहीं है।लखनऊ लोकसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर 1991 से बीजेपी का कब्जा है।वहीं सपा कैंडीडेट रविदास मेहरोत्रा सिर्फ एक सीट से विधायक हैं, जबकि राजनाथ सिंह लखनऊ की कई सीट पर बीजेपी उम्मीदवारों को जिता चुके हैं। मेयर भी बीजेपी का है, इसलिए राजनाथ सिंह का विस्तार रविदास मेहरोत्रा या इंडिया गठबंधन से निश्चित तौर पर ज्यादा है। राजनाथ और रविदास में कोई तुलना नहीं की जा सकती है।वहीं ये अच्छी बात है कि सपा ने किसी राजनेता को उतारा है।
इस बार दो राजनेताओं के बीच यह चुनाव होगा लेकिन,इस सीट पर मुकाबले जैसी कोई चीज नहीं होगी। लखनऊ सीट बीजेपी से ज्यादा अटल जी की सीट मानी जाती है। यही कारण है कि बीजेपी उम्मीदवार आसानी से चुनाव जीत जाते हैं।क्योंकि पूर्व पीएम अटल बिहारी ने पहली बार इस सीट को 1991 में जीतकर बीजेपी की झोली में डाल दिया था। जीत का सिलसिला अभी भी जारी है।बीजेपी 8 बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी है। जिसमें अटल जी 5 बार, लाल जी टंडन एक और राजनाथ सिंह दो बार सांसद चुने जा चुके हैं। राजनाथ सिंह 2014 और 2019 में रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीत चुके हैं। अटल जी ने 8 बार चुनाव लड़ा जिसमें लगातार उन्हें 3 चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था। लखनऊ लोकसभा सीट में कुल 5 लखनऊ पश्चिमी, उत्तरी, पूर्वी, मध्य और कैंट विधानसभा सीट आती है।
2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 3 और सपा ने दो सीट जीती थीं।वहीं मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर होने वाले मुकाबले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा ने बताया कि कांग्रेस का वोटर सपा में शिफ्ट हो चुका है। इसी वजह से सपा ने 4 बार जीत दर्ज की। बीजेपी कैंडिडेट कौशल किशोर पिछले दो चुनाव से जीतते आ रहे हैं। लेकिन इस बार की लड़ाई बड़ी कठिन होने वाली है।क्योंकि मोहनलालगंज सीट का ज्यादातर इलाका ग्रामीण है इसलिए सरकार की जनकल्याण योजनाओं का लाभ असरदार होगा। खासकर फ्री राशन का। लेकिन शहरी इलाकों में राम मंदिर का असर रहेगा। इसलिए इस लड़ाई में बीजेपी सपा की अपेक्षा ज्यादा मजबूत है। लेकिन सपा के कैंडिडेट आरके चौधरी को लोग पहचानते हैं और सपा का इस सीट पर अच्छा खासा वोट बैंक भी है।पिछले चुनाव में भी सपा के हारने के बाद भी उसे ठीकठाक वोट मिले हैं।
आरके चौधरी के आ जाने से अब लड़ाई रोचक बन गई है।मोहनलालगंज सीट पर 15 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। 1962 में पहली बार कांग्रेस ने चुनाव जीता था, कांग्रेस सबसे ज्यादा 5 बार चुनाव जीत चुकी है, लेकिन अब बीते 40 साल से जीत के लिए तरस रही है। बीजेपी और सपा ने 4-4 बार चुनाव जीता है। 1991 में लखनऊ लोकसभा सीट और मोहनलालगंज सीट पर बीजेपी ने एक साथ खाता खोला था। बीजेपी के छोटेलाल ने 1991 में चुनाव जीता था।1998 में सपा ने पहली बार जीत दर्ज की थी। इस सीट से जनता दल और जनता पार्टी के कैंडिडेट 1-1 बार चुनाव जीत चुके हैं। बीजेपी कैंडिडेट कौशल किशोर कांग्रेस सांसद गीता देवी की बराबरी करने के लिए जीत की हैट्रिक लगाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसमें सिधौली, मोहनलालगंज, मलिहाबाद, बख्शी तालाब और सरोजनीनगर विधानसभा सीट शामिल हैं। इन सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।