रुड़की। सोहलपुर गाडा गांव के एक खेत में गोवंश तस्करों से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। तस्करों के हमले में छूरी लगने से गोवंश संरक्षण स्क्वाड का एक सिपाही घायल हो गया। इसके बाद सूचना पर पहुंची गंगनहर कोतवाली पुलिस ने मोर्चा संभाला।
पुलिस की गोली लगने से एक तस्कर घायल हो गया, जबकि दो अन्य फायरिंग करते हुए फरार हो गए। पुलिस ने घायल आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। घायल सिपाही व आरोपित तस्कर को उपचार दिलाया जा रहा है। पुलिस को मौके से एक जिंदा गोवंश, गोकशी के उपकरण आदि सामान बरामद हुआ है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपितों पर मुकदमा दर्ज किया है।
गोवंश तस्करों ने टीम पर छुरी से किया हमला
शनिवार रात करीब तीन बजे गोवंश संरक्षण स्क्वाड को सूचना मिली कि गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के सोहलपुर गाडा गांव के खेत में कुछ लोग गोकशी कर रहे हैं। इस पर गोवंश संरक्षण स्क्वायड की टीम मौके पर पहुंची। टीम को देखते ही गोवंश तस्करों ने छुरी से हमला कर दिया।
इस हमले में एक सिपाही सुशील सैनी घायल हो गया। इसके बाद गंगनहर कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक गोविंद कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तस्करों द्वारा पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी गई।
इस पर पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग कर एक गोवंश तस्कर के पैर में गोली मारी। जबकि, दो अन्य तस्कर फायरिंग करते हुए, वहां से जंगल के रास्ते भाग गए। पुलिस को मौके से एक जिंदा गोवंश, गोकशी के उपकरण, एक तमंचा और कारतूस बरामद हुआ। घायल सिपाही सुशील सैनी और गोली लगने से घायल हुए तस्कर को सिविल अस्पताल भेजा गया।
सूचना पर एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने अस्पताल में पहुंचकर तस्कर से पूछताछ की। पूछताछ में आरोपित ने अपना नाम मोहम्मद जुल्फान निवासी सोहलपुर गाडा बताया।
घायल सिपाही और आरोपित तस्कर को हायर सेंटर रेफर किया गया है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि इस मामले में मोहम्मद जुल्फान समेत तीन आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोपित का आपराधिक इतिहास खंगाल रही पुलिस
रुड़की: पुलिस मुठभेड़ में पकड़े गए गोवंश तस्कर का पुलिस अपराधिक इतिहास खंगाल रही है। बताया गया है कि आरोपित पर पहले से भी कई मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा फरार आरोपितों की भी पुलिस कुंडली खंगाल रही है।
गोवंश संरक्षण स्क्वायड का स्थानीय पुलिस को सूचना न देना पड़ा भारी
रुड़की। गोकशी की सूचना पर गोवंश संरक्षण स्क्वायड की टीम अकेले ही मौके पर पहुंची थी। अगर टीम स्थानीय पुलिस को साथ लेकर जाती तो एक सिपाही घायल नहीं होता। स्थानीय पुलिस को सूचना न देना टीम को भारी पड़ा है। वहीं, यह भी गनीमत रही कि सिपाही समेत पूरी टीम की जान बच बई। तस्करों ने जानलेवा हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।