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नई दिल्ली। कुत्ते बेहद प्यारे और वफादार जीव माने जाते हैं। इस कारण कई लोग उन्हें अपना पेट भी बनाते हैं। अब तो कई लोग अपने पेट डॉग को ही अपना बच्चा मानते हैं और उनके लिए नई-नई चीजें खरीदते हैं, धूमने-फिरने जाते हैं और अपने दिन का क्वालिटी समय भी उन्हीं के साथ बिताना पसंद करते हैं। और देखा जाए, तो ठीक भी है, अपने पेट डॉग के साथ खेलकर या बात कर काफी अच्छा महसूस होता है। इसलिए लोग ऑफिस से आने के बाद अपने डॉग के साथ समय बिताना ज्यादा पसंद करते हैं।
Cognitive Health के लिए लाभदायक
हाल ही में, एक रिसर्च में कुत्तों और आपकी दिमागी सेहत के बीच का कनेक्शन सामने आया है। रिसर्च जर्नल प्लस वन में छपी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कुत्तों के साथ समय बिताने से याददाश्त मजबूत होती है और एकाग्रता भी बढ़ती है। डिजिटल युग में जब लोग कमजोर याददाश्त और एकाग्रता शक्ति से जूझ रहे हैं, यह रिपोर्ट काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
क्या है शोध का निष्कर्ष?
दक्षिण कोरिया के ककुव विवि में हुए इस रिसर्च के मुताबिक, कुत्तों के साथ समय बिताने से व्यक्ति ज्यादा सकरात्मक महसूस करता है और इससे हैप्पी हार्मोन्स ज्यादा रिलीज होते हैं। इस कारण मूड अच्छा रहता है और पॉजिटिव महसूस होता है। इस रिसर्च में 30 लोगों को शामिल किया गया और पाया गया कि कुत्तों के साथ बात करने से एनर्जी लेवल बढ़ता है, जिससे आपको कम थकान का अनुभव होता है और आप फ्रेश। महसूस करते हैं। डॉग आपको पॉजिटिव महसूस करवाते हैं, जिससे स्ट्रेस कम होता है और आपकी भावनात्म सेहत यानी इमोश्नल हेल्थ बेहतर होती है।
डॉग विडियो देखना भी है फायदेमंद
इतना ही नहीं, सिर्फ कुत्तों के साथ बात करने से ही नहीं बल्कि, उनकी विडियो देखने से भी कई फायदे मिल सकते हैं। इस शोध में यह बात भी सामने आई है कि कुत्तों की विडियो देखने से भी एकाग्रता शक्ति बढ़ती है और आप बेहतर तरीके से फोकस कर पाते हैं। साथ ही, याददाश्त जाने की गुंजाइश भी कम हो जाती है। कुत्तों के साथ बात करने से भी आप इमोश्नल तौर से बेहतर महसूस करते हैं और ऊर्जा भी बढ़ती है।
इससे पहले भी एक रिसर्च में यह बात सामने आई थी कि जिन घरों में पेट डॉग होते हैं, वहां बच्चे ज्यादा एक्टिव होते हैं। इस नई शोध से यह साफ हो जाता है कि डॉग केवल बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि, बड़ों की मेंटल और कॉग्नीटिव हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं।