हमीरपुर : गत दिनों एक कोटेदार के बेटे ने दुकान खाली न होने से आहत होकर घर की ऊपरी मंजिल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिससे नाराज परिजनों ने पुलिस को शव नहीं ले जाने दिया। शनिवार को जब दुकान खाली हो गई उसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने दिया गया।
सुमेरपुर कस्बे के वार्ड संख्या 10 निवासी कोटेदार मोहनदास के 27 वर्षीय छोटे पुत्र नवनीत ने बुधवार की रात घर की ऊपरी मंजिल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। गुरुवार को जब वह दिनभर बाहर नहीं आया तब पिता को शंका हुई और उन्होंने शुक्रवार को सुबह पड़ोसियों को एकत्र करके कमरे का दरवाजा तोड़कर देखा तो वह फांसी पर झूल रहा था। पिता ने इसकी सूचना पुलिस के साथ दिल्ली में रह रहे बड़े पुत्र को दी। पुलिस ने युवक के कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया था। इसमें युवक ने स्टेशन मार्ग में बने मकान की दुकान न खाली होने का प्रमुखता के साथ उल्लेख किया था। इस बात की चर्चा होते ही मृतक का बड़ा भाई भड़क गया और उसने कहा कि जब तक दुकान नहीं खाली होगी तब तक शव को उठने नहीं दूंगा। नाते रिश्तेदारों के दबाव के बाद दशकों से कब्जा जमाए बहनोई ने सुबह दुकान खाली कर दी। इससे 24 घंटे के बाद परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को ले जाने दिया।